@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

रियल एस्टेट व्यवसायी एरेन डेवलपर्स को इंदौर की 37 एकड़ अरबों रुपये की सरकारी जमीन गैरकानूनी तरीके से देने के लिए, मध्यप्रदेश सरकार के किस मंत्री या अधिकारी के आदेश पर हाईकोर्ट में दायर याचिका को अनुपयोगी बताकर बिना मुकदमा लड़ें खारिज करवाया गया?

मध्य प्रदेश सरकार मे यदि थोड़ी सी भी गैरत बाकी हो तो ऐरेन डेवलपर से 37 एकड़ सरकारी जमीन वापिस लेने की कानूनी प्रक्रिया को अंजाम दे और बैंको व अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर इशर एलॉय कंपनी के मालिकों के खिलाफ़ सी.बी.आई और ई.डी मे एफ.आई.आर दर्ज करवाए। 

इंदौर शहर के साँवेर रोड और ग्राम सुखलिया स्थित 37 एकड़ खुली जमीन जिसे सन 1969 से लेकर 1986 के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने उद्योग पति सुखविंदर सिंह बब्बर और गुरु चरण सिंह की कंपनी मेसर्स इशर एलॉय प्राइवेट लिमिटेड को 99 साल के लिए पट्टे (lease) मतलब किराये पर दी थी। 

सन 1990 मे तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने मेसर्स इशर एलॉय प्राइवेट लिमिटेड को उपरोक्त 37 एकड़ लीज पर दी गई जमीन को कंपनी के मालिक सुखविंदर सिंह बब्बर और गुरु चरण सिंह की पर्सनल ग्यारंटी पर बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में गिरवी रखकर कर्ज लेने की अनुमति प्रदान कर दी?

उपरोक्त 37 एकड़ जमीन को विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों में गिरवी रखकर सुखविंदर सिंह बब्बर और गुरु चरण सिंह ने तकरीबन 104 करोड़ रुपये का लोन सन 1993 तक ही ले लिया! जबकि पूर्व मे ही मध्यप्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन का 92 करोड़ रुपये मेसर्स इशर एलॉय प्राइवेट लिमिटेड पर बकाया था!

बिना कोई बैंक और वित्तीय संस्थाओ का लोन चुकाए सन 2000 तक आते आते मेसर्स इशर एलॉय प्राइवेट लिमिटेड पूर्ण रूप से बंद कर दी गई?

पिछले 22 सालो से इंदौर की 90 के दशक तक की सबसे नामचीन कंपनी बंद पड़ी हुई है! 37 एकड़ जमीन मध्यप्रदेश सरकार ने किराये पर दे रखी है, पिछले 22 सालो से लीज रेंट के नाम पर 1 रुपया नहीं मिला? करोड़ों रुपये का लीज रेंट बकाया है! प्लांट, मशीनरी, स्टॉक और उपकरण तक बेचकर सुखविंदर सिंह बब्बर और गुरुचरण सिंह डकार गए! 104 करोड़ रुपये बैंकों और वित्तीय संस्थानों का लोन के नाम पर लेकर न जाने कहाँ पर इनवेस्ट कर दिया? कोई एफ.आई.आर नहीं? कोई ई.डी की कारवाई नहीं? कोई संपत्ति ज़ब्त नहीं की गई? 
22 सालो तक मध्यप्रदेश सरकार भ्रष्टाचार की अफीम खाकर गहरी नींद सोने की नौटंकी करती रही?

इन भ्रष्टाचारियों की आंख तब खुली जब अखबारों में DRT जबलपुर ट्रिब्यूनल न्यायालय और DRT मुंबई ट्रिब्यूनल न्यायालय के आदेश पर अखबारों में दो अलग अलग जाहिर सूचना उपरोक्त 37 एकड़ सरकारी जमीन को बेचने की बोली लगाने के लिए दिनांक 8 दिसंबर 2021 और 4 जनवरी 2022 को विभिन्न राष्ट्रीय अखबारों में प्रकाशित हुई!

आनन फानन में तत्काल दिनांक 11 जनवरी 2022 को इशर एलॉय को दी गई 37 एकड़ सरकारी जमीन की लीज को निरस्त करने का आदेश जारी किया गया! और 9 फरवरी 2022 को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट इंदौर में एक रिट याचिका नंबर WP/3576/2022 दायर कर DRT जबलपुर ट्रिब्यूनल न्यायालय और DRT मुंबई ट्रिब्यूनल न्यायालय के दोनों नीलामी आदेशों को रद्द करने की मांग की गयीं!

हाईकोर्ट इंदौर ने तत्काल नीलामी पर स्टे लगा दिया!
15 नवंबर 2022 को हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दायर इस याचिका में नीलामी को तो मंजूरी दे दी पर बिना हाईकोर्ट के आदेश से कोई अंतिम प्रक्रिया जारी नहीं करने का आदेश दिया। 

लेकिन 11 जनवरी 2023 को मध्यप्रदेश सरकार ने दायर उपरोक्त रिट याचिका नंबर WP/3576/2022 को अनुपयोगी बताकर इंदौर हाई कोर्ट की डबल बेंच से बिना बहस किए वापस ले लिया! और इंदौर से एकमात्र बोली लगाने वाले रियल एस्टेट व्यवसायी अशोक एरन और पराग देसाई की एरन डेवलपर्स के लिए बेशकीमती 37 एकड़ जमीन लेने का रास्ता साफ कर दिया!?

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

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