@ री डिसकवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर

इंदौर में मात्र 500 रुपए स्क्वेयर फीट के रेट से 16 लाख 20 हजार 160 स्क्वेयर फीट (37 एकड़) सरकारी जमीन, इंदौर के एक रियल एस्टेट कारोबारी ने कैसे अपने नाम ट्रांसफ़र करवा ली?

 

मध्यप्रदेश सरकार ने बंद पड़ी ईशर एलॉय कंपनी की बकाया लीज और रजिस्ट्रेशन चार्ज के 18 करोड़ पाने की आड़ में और रियल एस्टेट कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए 400 करोड़ रुपये की कीमत की, इंदौर की 37 एकड़ बेशकीमती जमीन को बिल्डर तक पहुचाने मे न सिर्फ पूरी मदद की वरन कानून मे भी बदलाव किया?

इस 37 एकड़ बेशकीमती जमीन का ऐरेन डेवलपर द्वारा व्‍यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने मे उपयोग किया जाएगा जिससे ऐरेन डेवलपर को सेकड़ों करोड़ रुपए का फायदा होगा, क्योंकि आज कल MSME मे छोटे दुकानदार और तकरीबन सभी दुकान आधारित व्यवसाय MSME के अंतर्गत रेजिस्टर्ड होते है। 

दिनांक 8 जून 2021 को मध्यप्रदेश सरकार के एम एस एम ई (MSME) विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के कानून में संशोधन करते हुए मध्यप्रदेश एम एस एम ई (MSME) राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2021 लागू किया। इस कानून की धारा 19 पैरा b में राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़े हुए उद्योगों की जमीन, प्लॉट को किसी दूसरे उद्योगपति जिसकी कंपनी MSME मे रजिस्टर्ड है, को ट्रांसफ़र करने और प्लॉट या जमीन को विभाजित करने की कानूनन अनुमति देता है। उसके लिए सिर्फ एक शर्त है कि बंद पड़े उद्योग 5 साल चला हो और कम से कम दो साल से बंद पड़ा हो! बस!

इस उपरोक्त कानून की आड़ में इंदौर के एक बड़े रियल एस्टेट कारोबारी अशोक एरन की रियल एस्टेट का व्यवसाय करने वाली पार्टनरशिप कंपनी एरन डेवलपर्स ने, इंदौर की 55 साल पुरानी सुखविंदर सिंह बब्बर की कंपनी ईशर एलॉय की तकरीबन 400 करोड़ रुपये की 37 एकड़ (16 लाख 20 हजार 160 स्क्वेयर फीट) जिसे मध्यप्रदेश सरकार ने 99 साल की लीज पर ईशर एलॉय कंपनी को उद्योग चलाने के लिए दी थी को मात्र 75 करोड़ रुपये मे DRT MUMBAI (लोन वसूली न्यायाधिकरण मुंबई) के 9 फरवरी 2022 के आदेश के तहत बोली लगाकर खरीद ली! जबकि ईशर एलॉय तो किराएदार थी! जमीन की असली मालिक तो मध्यप्रदेश सरकार थी!

इस 400 करोड़ की बेशकीमती जमीन को मात्र 75 करोड़ मे वो भी ईशर एलॉय कंपनी की जगह ऐरेन डेवलपर को 55 साल पहले से वास्तविक लीज आवंटित कंपनी का दर्जा हाई कोर्ट से प्राप्त करने मे और खरीदने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के उद्योग और एम एस एम ई विभाग, कमिश्नर जिला उद्योग और व्यापार एम एस एम ई विभाग, के अलावा जनरल मेनेजर एम एस एम ई विभाग पोलो ग्राउंड इंदौर ने महती भूमिका निभाई है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब 11 जनवरी 2022 को मध्यप्रदेश सरकार ने जब ईशर एलॉय कंपनी की 37 एकड़ जमीन की लीज निरस्त कर दी थी तो फिर कैसे DRT MUMBAI (लोन वसूली न्यायाधिकरण मुंबई) के 9 फरवरी 2022 के आदेश के तहत एरन डेवलपर्स ने, बोली लगाकर मात्र 75 करोड़ मे ईशर एलॉय कंपनी की 37 एकड़ जमीन ली?

जबकि जमीन का मालिकाना हक तो मध्यप्रदेश सरकार का था! रही बात ईशर एलॉय कंपनी के ऊपर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के तकरीबन 100 करोड़ रुपये लोन का तो उस लोन की व्यक्तिगत गारंटी कंपनी के मालिकों सुखविंदर सिंह बब्बर और गुरुचरण सिंह ने ले रखी थी, वो अपनी व्यक्तिगत संपत्ति बेचकर चुकाते?

और सबसे आखिरी और महत्वपूर्ण बात इस पूरे प्रकरण में यह था कि ईशर एलॉय कंपनी के मालिक सुखविंदर सिंह बब्बर और गुरुचरण सिंह DRT MUMBAI (लोन वसूली न्यायाधिकरण मुंबई) के 9 फरवरी 2022 के आदेश के खिलाफ अपीलीयट ट्रिब्यूनल में न जाते हुए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट चले गए जहां से उन्हें कोई सहायता नहीं मिली और पिछले हफ्ते उनकी रिव्यू पिटिशन भी खारिज हो गई!

@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर

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