@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर 

सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने कहाँ था – ईश्वर एक है और सर्वत्र विघमान  है और हमे सबके साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए। 

“परमात्मा का नाम जपो,
मेहनत करो-काम करो,
और जरूरतमंदों की मदद करो।।”

संगत एवं पंगत से सामाजिक समरसता, विश्व को समता, सद्भावना, सदाचार और बंधुत्व का संदेश देती श्री गुरु नानक देव जी महाराज की शिक्षाएं मानवता के लिए सदैव प्रेरित करती रहेगी।

आज 15 नवंबर 2024 को दुनिया को सेवा और भक्ति का असली महत्व बताने वाले सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जा रही है। आज ही के दिन गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था।

गुरु नानक जयंती, सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव जी के जन्मदिन पर मनाई जाती है। यह एक दिव्य पर्व है जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु हैं।

उन्होंने ईश्वर की एकता का प्रचार किया, इतना ही नहीं गुरु नानक देव जी ने समाज से अज्ञानता को भगाने के लिए ज्ञान का प्रकाश किया, इसलिए उनकी जयंती को ‘प्रकाश पर्व’ भी कहा जाता है। गुरु नानक देव जी ने लोगों को एक ईश्वर में विश्वास करना सिखाया। उन्होंने जाति व्यवस्था को अस्वीकार किया और सभी के बीच समानता को बढ़ावा दिया। गुरु नानक देव जी ने प्रेम और एकता का संदेश दिया। 

गुरु नानक जयंती हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती को गुरुपर्व के नाम से भी जाना जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को हुआ था। गुरु नानक देव जी का निधन 22 सितंबर, 1539 को करतारपुर में हुआ था जो आज के पाकिस्तान मे है। 

गुरु नानक जयंती पर लोग सेवा, दान, और परोपकार करते हैं। 
इस दिन लोग जाति और धर्म से परे, सभी के प्रति भाईचारा और सहिष्णुता की भावना को अपनाने का संकल्प लेते हैं।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर 

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