@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
बायपास बोलकर किसे बेवकूफ़ बना रहे हो? अब इंदौर के पूर्वी क्षेत्र के बायपास को अभी भी बायपास कहना ही नासमझी है?
बाहर के जिलों और राज्यों के भारी वाहन से लेकर कारें, बसे और अन्य वाहन बिना शहर में प्रवेश करे बाहर के बाहर अपने गंतव्य शहरों और राज्यों में जा सके यह किसी भी शहर में बायपास सड़क की परिभाषा होती है।
इंदौर शहर जिस पूर्वी क्षेत्र के राऊ से लेकर मांगलिया तक की फोर लेन सड़क को बायपास कह रहा हैं! वस्तुतः वो अब बायपास कहलाने लायक बचा ही नहीं है?
इंदौर शहर के पूर्वी बायपास को बायपास कहना ही बेमानी है! अब तो बायपास शहर की ही एक सड़क बन चुका है!
बायपास के दोनों तरफ़ कई किलोमीटर दूर तक टाउनशिप और कालोनियों की भरमार है! कई स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बायपास पर स्थित है! उनकी सैकड़ों की तादाद में बसे बायपास से शहर में प्रवेश करती है!
कई ढाबे, होटल, रेस्टोरेंट, मेरिज गार्डन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, डी-मार्ट स्टोर और एक बड़ा मॉल शहर के लोगों के लिए बायपास पर खुले है, जहां पर शहर के लोग अपनी कारो मे आकर पार्टियां और जलसे करते हैं?
4 – 5 शराब की दुकाने और अहाते बायपास पर है! जहा शहर के लोग शराब पीने जाते हैं! कई लवर पॉइन्ट होटल और कैफे है! लोग कारो मे अपनी गर्ल फ्रेंड्स और अवैध संबंधो की आग सेंकते बैठे रहते हैं!
शहर की ही हज़ारों कारें बायपास से शहर में रोज प्रवेश करती है! शहर के एक छोर से दूसरे छोर पर जाने के लिए शहर की अधिकांश जनता अपनी कारों से बायपास से जाना बेहतर समझती है, क्योंकि ए.बी रोड और एक मात्र रिंग रोड पर भारी ट्रैफ़िक जाम की समस्या रोज रहती है।
जिम्मेदार इंदौर शहर की सरकार सिर्फ इस बात का जवाब दे कि पूर्वी क्षेत्र की बायपास से समान्तर रिंग रोड RE – 2 सड़क का निर्माण किन बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए रोक के रखा है?
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर