@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
कैसे फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी से और जिला न्यायालय, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट इंदौर व चीफ जस्टिस को गुमराह करते हुए कनाड़िया मेन रोड की 100 करोड़ की जमीन भू माफियाओं ने अपने नाम से रजिस्ट्री और नामांतरण करवा लिया!?
कनाड़िया मेन रोड स्थित जिस 47000 स्क्वेयर फीट जमीन पर पटेल मोटर्स का मारुति कंपनी का वर्कशॉप (NEXA) और पेट्रोल पम्प संचालित किया जा रहा है! इस बेशकीमती जमीन की पहली रजिस्ट्री फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से बेची गई! सन 2004 मे इस जमीन के तीसरे मालिक अरविंद सोनी और अन्य लोगों से श्रीमति ज्योति पति अरुण जैन, नीतू अग्रवाल पति अनूप अग्रवाल, रचना पति आलोक अग्रवाल और गंगोत्री डेवलपर्स तर्फे विजया बंसल ने रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से खरीदी थी! और जिला राजस्व न्यायालय में नामांतरण करवा लिया।
सन 2015 मे तथाकथित हाजी कंपनी तर्फे सलीम सिद्दीकी ने सिविल कोर्ट न्यायालय में एक दीवानी प्रकरण दायर कर उपरोक्त सभी रजिस्ट्री को शून्य घोषित करने के लिए प्रकरण दर्ज करवाया जो आज दिनांक तक चल रहा है!
दिनांक 4 अप्रैल 2018 को बोर्ड ऑफ रेवन्यू राजस्व न्यायालय ग्वालियर ने उपरोक्त 47000 स्क्वेयर फीट जमीन के नामांतरण निरस्त कर दिए!
बोर्ड ऑफ रेवन्यू राजस्व न्यायालय ग्वालियर के नामांतरण निरस्ती के आदेश के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट इंदौर बेंच मे कुल 5 रिट पिटिशन सन 2018 मे दायर की गई, जिसमें 1 पिटिशन श्रीमती ज्योति जैन व 2 पिटिशन गंगोत्री डेवलपर्स द्वारा दायर की गई! जो इंदौर हाईकोर्ट मे आज भी पेंडिंग है!
क्योंकि हाईकोर्ट ने बोर्ड ऑफ रेवन्यू के न्यायिक अधिकार क्षेत्र से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रश्न जिसका संबंध उपरोक्त दायर रिट पिटिशन है का निराकरण करने के लिए मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस को एक संवैधानिक बेंच गठित कर फैसला करने के लिए अंतरित किया था।
इस बीच श्रीमती ज्योति जैन पति अरुण जैन और तथाकथित व बेहद संदेहास्पद हाजी एंड कंपनी तर्फे सलीम और अशफ़ाक सिद्दीकी के बीच न्यायालय के बाहर सन 2021 मे लाखो रुपए ज्योति जैन पति अरुण जैन से लेकर समझोता कर लिया!
और तो और इंदौर सिविल न्यायालय ने भी समझौते के आधार पर ज्योति जैन को सम्पति का भू स्वामी घोषित कर दिया! जबकि पूरा केस अभी हाईकोर्ट इंदौर बेंच मे पेंडिंग है और तथाकथित हाजी कंपनी तर्फे सलीम सिद्दीकी द्वारा सन 2015 मे जिला न्यायालय इंदौर मे उपरोक्त 47000 स्क्वेर फिट जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित करने का परिवाद आज भी पेंडिंग है!
और दूसरी तरफ हाईकोर्ट इंदौर बेंच ने बोर्ड ऑफ रेवन्यू के न्यायिक अधिकार क्षेत्र के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से संवैधानिक बेंच गठित कर फैसला मांगा था! चीफ जस्टिस द्वारा कोई संवैधानिक बेंच गठित न करते हुए वादी और प्रतिवादी के मध्य हुए समझौते के आधार पर सिविल न्यायालय के श्रीमती ज्योति जैन को भू स्वामी घोषित करने के फैसले के आधार पर सभी 4 रिट पिटिशन का ही निराकरण कर केस खत्म कर दिया! उपरोक्त 47000 स्क्वेयर फीट जमीन का आज बाजार भाव 80 से 100 करोड़ रुपये के बीच में है!
जबकि इसके पूर्व हाईकोर्ट इंदौर बेंच के जस्टिस माननीय प्रकाश श्रीवास्तव की बेंच ने सन 2019 मे इसी जमीन से संबंधित एक रिट पिटिशन मे 4 अप्रैल 2018 को बोर्ड ऑफ रेवन्यू ग्वालियर के नामांतरण निरस्ती के फैसले को सही माना था!
मध्यप्रदेश शासन भी हाईकोर्ट में पार्टी था! वो फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री और नामांतरण का मूक दर्शक बना रहा?
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर