एकेडमिक सेशन के बीच में हर साल देना पड़ता है कई बार टीचर भर्ती के विज्ञापन!

4थी क्लास पास चेयरमैन पुरुषोत्तम अग्रवाल के स्कूलों में अध्यापक पढ़ाना क्यों नहीं चाहते हैं?

बड़े आश्चर्य और जांच का विषय है कि 24 साल हो गए स्कूलों को संचालित करते हुए फिर भी हर साल 1 या 2 विषय के लिए नहीं बल्कि साईंस से लेकर आर्ट यहां तक स्पोट्र्स टीचर के लिए भी साल में कई बार अखबार में भर्ती या आवश्यकता है के इस्तीहार देना पड़ते हैं!
आज के दैनिक भास्कर मे देख सकते हैं लगता है कि पूरे स्कूल मे टीचर है ही नहीं। इंदौर स्थित अग्रवाल पब्लिक स्कूल और चमेली देवी पब्लिक स्कूल में कोई टीचर ज्यादा दिन नही टिकता है। हर साल कम से कम 2 बार अखबारों मे टीचर भर्ती का विज्ञापन देना पड़ता है। इसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अग्रवाल पब्लिक स्कूल में अध्यापकों का ज्यादा दिन न टिकने की

मुख्य वजह 4 थी क्लास पास चेयरमैन पुरुषोत्तम अग्रवाल का अशिक्षित और असभ्य व्यवहार के अलावा स्वयं की रचित एसबीएफ पाठ्य पुस्तकें जो सिर्फ़ अग्रवाल पब्लिक स्कूल और चमेली देवी पब्लिक स्कूल में ही चलती है, जिनसे पढ़ाने के लिए दूसरे स्कूलों के टीचर अभ्यस्त नही है! किसी भी मामले में फिर चाहे वह शैक्षणिक हो या चपरासी की नियुक्ति बिना चेयरमैन की आज्ञा के एक पत्ता भी नहीं हिला सकता है कोई। किसी गलती पर चेयरमैन की भाषा में सड़क छाप और गाली-गलौच का इस्तेमाल ज्यादा होता है। कई महिला टीचर और प्रिंसिपल ने इसी व्यवहार की वजह से स्कूल की नौकरी छोड़ दी। एक पुरुष प्रिंसिपल के साथ तो मारपीट तक की गयी है। सरकारी नियमों और आदेशों का पालन न करना, छात्रों के अभिभावकों और पालकों पर हिटलर शाही तरीके से आदेश करना उनकी समस्याओं, शिकायतों पर सड़क छाप तरीके से एक तरफा निर्णय देकर उनकी बेइज्जती करना चेयरमैन पुरूषोत्तम अग्रवाल के अहंकारी व्यक्तित्व की पहचान है।
किसी प्रिंसिपल या डायरेक्टर पुत्र पीयूष अग्रवाल या एचओडी के पास छात्रहित, उसकी पढ़ाई और सर्वांगीण विकास के लिए कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। सब के सब कठपुतली है। टीचर के इंटरव्यू भी 4थी पास चेयरमैन सर ही लेते हैं। और उन्हें बेइज्जत कर निकालते भी वहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी और सीबीएसई बोर्ड को अग्रवाल पब्लिक स्कूल और चमेली देवी पब्लिक स्कूल की संपूर्ण जांच करना आवश्यक है कि ये दोनों स्कूल किस गाइडलाइन और नियमों से संचालित हो रहे हैं।

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