@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

कल्पवृक्ष IIT JEE कोचिंग संस्थान के अवैध और गैर कानूनी विज्ञापन मे CBSE स्कूलो से मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठित और बड़े स्कूल अपना नाम कैसे और किस मजबूरी एवं कानून के आधार पर बर्दाश्त कर रहे है?

कल्पवृक्ष IIT JEE कोचिंग संस्थान का विज्ञापन गैर कानूनी है? विज्ञापन खुद ही कोचिंग संस्थानों के अवैध और गैर कानूनी कामों का खुलासा कर रहा है!

कल्पवृक्ष IIT JEE कोचिंग के अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन न सिर्फ CBSE स्कूलों के मुह पे तमाचा है? वरन् CBSE के नियमो और कानूनो का घोर उल्लंघन है?

कल्पवृक्ष IIT कोचिंग कैसे और किस आधार पर CBSE स्कूलों के नाम अपने विज्ञापन पर लिख सकता है?

क्या CBSE स्कूलों ने कल्पवृक्ष कोचिंग संस्थान को अपने व्‍यवसायिक विज्ञापन मे स्कूल का नाम प्रकाशित करने की अनुमति दी है? या CBSE या अन्य बोर्ड से अनुमति ली गई है?

यदि नहीं दी है तो स्कूल कल्पवृक्ष कोचिंग संस्थान पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करता है? और यदि स्कूल कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करता है तो CBSE बोर्ड को स्कूलों के ख़िलाफ़ कारवाई करनी होगी। क्योंकि कोचिंग संस्थान बिना स्कूलों की साठगांठ के फल फूल नहीं सकते हैं!

डमी स्कूल, कोचिंग संस्थानों से भारी भरकम कमिशन लेने जैसे घोर अपराधिक कृत्यों को प्रतिष्ठित स्कूलों द्वारा अंजाम दिया जा रहा है! ऐसे स्कूलों के खिलाफ कलेक्टर इंदौर को एफ.आई.आर दर्ज करवाना चाहिए? यह शिक्षा के नाम पर माता पिता और अभिभावकों का न सिर्फ अपराधिक शोषण है वरन् शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी का अपराधिक कृत्य भी है?

क्यों इंदौर के प्रतिष्ठित स्कूल, IIT JEE मे सिलेक्ट होने प्रतिभा वान छात्रों की गौरव शाली उपलब्धी को व्‍यवसायिक कोचिंग संस्थान कल्पवृक्ष को अपने व्‍यवसायिक विज्ञापन के लिए अपने स्कूल के नाम को उपयोग करने की अनुमति दे रहे हैं?

क्या यह कोचिंग संस्थान की व्‍यवसायिकता को बढ़ावा देने के लिए मूक सहमती देना और CBSE के नियमो और कानूनो का घोर उल्लंघन नही है?

क्या CBSE और अन्य बोर्ड से कानूनी मान्यता प्राप्त शहर के प्रतिष्ठित स्कूल कल्पवृक्ष कोचिंग संस्थान की भारी भरकम कोचिंग फीस मे से प्रति छात्र दलाली ले रहे हैं? यह भी जांच का विषय है। 

कल्पवृक्ष कोचिंग संस्थान द्वारा नाबालिक और किशोरवय के छात्रों  को लगातार 13 घंटे पढ़ाना अपने आप मे ही छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक है! वरन् एक प्रकार से छात्रों को कैद कर, किया जाने वाला अमानुषिक आपराधिक कृत्य है। लगातार 13 घंटे कोचिंग चलाने की अनुमति किस कानूनी प्रावधान के तहत मान्य है? 

ऐसे कोचिंग संस्थानों और CBSE और अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के ख़िलाफ़ कारवाई होना अतिआवश्यक है?

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

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