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उपभोक्ता फोरम का फैसला
सतना। भारती एक्सा बीमा कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाते हुए वादी नवल अग्रवाल को 45 दिवस के भीतर आंकलित राशि 3,05,177 रुपए का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। नवल अग्रवाल द्वारा यह शिकायत अंतर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 प्रस्तुत कर प्रकट किया है कि उसके द्वारा दिनांक 19.05.11 को टाटा वाहन की नई चेसिस खरीदकर भारती एक्सा बीमा कंपनी से एक साल की अवधि के लिए बीमा कराया था, लेकिन चालक द्वारा रीवा ले जाते समय सामने से आते हुए वाहन को बचाने के प्रयास में चेसिस वाहन का संतुलन बिगडऩे पर पेड़ से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया तथा चालक द्वारा सूचना दिए जाने पर नवल अग्रवाल द्वारा बीमा कंपनी को तत्काल सूचित किया गया एवं बीमा कंपनी के सर्वेयर द्वारा मौके पर आकर क्षतिग्रस्त चेसिस का सर्वे कर फोटोग्राफ लिए एवं भारती एक्सा के निर्देश पर उक्त वाहन की रिपेयरिंग अग्रवाल मोटर्स में कराई गई एवं 30.09.2011 को वाहन की मरम्मत का व्यय 4,75,823 रुपए का नवल अग्रवाल द्वारा भुगतान किया गया एवं समस्त औपचारिकताओ सहित क्लेम प्रस्तुत किए जाने पर बीमा कंपनी द्वारा निराकरण कर क्लेम इस आधार पर निरस्त किया है कि मोटरयान अधिनियम के तहत रजिस्टेशन के पूर्व ही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ हैै। अत: बीमा कंपनी द्वारा क्लेम निरस्त कर सेवा में कमी की गई है। अत: शिकायत स्वीकार कर क्षतिपूर्ति राशि 4,75,623 एवं मानसिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति राशि 20,000 रुपए दिलाऐ जाने का निवेदन किया है।
भारती एक्सा बीमा कंपनी की ओर से नवल अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र के तथ्यों एवं चाही गई सहायता को अस्वीकार कर प्रकट किया है कि नवल अग्रवाल द्वारा उक्त वाहन व्यावसायिक प्रयोजन के लिए क्रय किया गया था एवं बीमा पॉलिसी बीमा शर्तो एवं निर्बन्धों के तहत जारी की गई थी। भारती एक्सा के अनुसार उनके द्वारा नवल अग्रवाल को पत्र भेजकर वाहन के रजिस्टेशन आदि के दस्तावेजो की मांगे गए थे, लेकिन नवल अग्रवाल द्वारा उक्त दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए थे तथा बाद में नवल अग्रवाल के वाहन का रजिस्टेशन नहीं होने के आधार पर बीमा पॉलिसी की शर्तों एवं मोटरयान अधिनियम की धारा-39 का उल्लंघन होने के आधार पर क्लेम निरस्त कर नवल अग्रवाल को सूचित किया। अत: उनके द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई है एवं शिकायत निरस्त किए जाने का निवेदन किया है।
प्रकरण में प्रस्तुत साक्ष्य एवं दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि नवल अग्रवाल द्वारा अपनी चेसिस वाहन का बीमा की बीमा पॉलिसी के अनुसार 19.05.11 से 18.05.2012 की अवधि के लिए कराया गया था तथा इस दौरान 04.06.2011 को उक्त चेसिस वाहन की बॉडी तैयार करने हेतु रीवा भेजते समय रास्ते में वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ तथा बीमा कंपनी को तत्काल सूचित किए जाने पर, बीमा कंपनी द्वारा वाहन का सर्वे कराया गया एवं उसके पश्चात् नवल अग्रवाल द्वारा अपने चेसिस वाहन की मरम्मत कराई गई।
प्रकरण में प्रस्तुत साक्ष्य एवं दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि भारती एक्सा बीमा कंपनी द्वारा नवल अग्रवाल के चेसिस वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराए जाने के आधार पर क्लेम निरस्त किया गया है, जबकि उक्त चेसिस वाहन की बॉडी का निर्माण कराने हेतु रीवा भेजते समय दुर्घटनाग्रस्त हुआ एवं मररम्त उपरान्त नवल अग्रवाल द्वारा वाहन का रजिस्ट्रेशन आदि कराया जाकर, भारती एक्सा बीमा कंपनी को दिया गया है तथा भारती एक्सा बीमा कंपनी द्वारा चेसिस वाहन का बीमा किया गया है एवं उसी स्थिति में चेसिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। अत: ऐसी स्थिति में प्रकरण में प्रस्तुत तथ्यों एवं दस्तावेजों के परिपे्रक्ष्य में भारती एक्सा बीमा कंपनी द्वारा नवल अग्रवाल के प्रति सेवा में कमी किया जाना प्रमाणित होता है। अत: उपरोक्त विवेचन के आधार पर नवल अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र अंतर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में आदेश दिया जाता है कि भारती एक्सा बीमा कंपनी, नवल अग्रवाल को 45 दिवस के भीतर सर्वेयर द्वारा आंकलित राशि 3,05,177 रुपए का भुगतान करेगी एवं उक्त राशि पर शिकायत प्रस्तुत 09.04.12 से अदायगी दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण व्यय अदा करेगी। भारती एक्सा बीमा कंपनी नवल अग्रवाल को 45 दिवस के भीतर शिकायत व्यय 1000 रुपए अदा करेगी।

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