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उपभोक्ता फोरम का फैसला
सतना। उपभोक्ता फोरम ने ह्युंदै कंपनी के डीलर स्टार लाइन आटोमोबाइल्स को 60 दिन के भीतर आवश्यक पाट्र्स बदलकर ऑयल लीकेज की खराबी सुधारने के आदेश दिए हैं। डॉ. मिश्रा की ओर से एक शिकायत-पत्र धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत ह्युंदै द्वारा निर्मित एवं स्टार लाइन आटोमोबाइल्स डीलर से 12.04.2002 को क्रय की गई ह्युंदै सेंट्रो कार में निर्माणी दोष होना बताकर उक्त वाहन बदलकर दिए जाने एवं पंजीयन, बीमा, एवं अन्य उपकरण एवं मरम्मत में हुए व्यय मय व्यय के प्राप्त करने हेतु डॉ. मिश्रा द्वारा 06.10.2004 को रीवा फोरम के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया गया था।
डॉ. मिश्रा द्वारा 12.04.2002 को 3,54,695 रुपए ह्युंदै कंपनी द्वारा निर्मित ह्युंदै सेंट्रो कार को स्टार लाइन ऑटोमोबाइल्स सतना स्थित डीलर से क्रय की गई थी तथा कार की फ्री सर्विसिंग अधिकृत डीलर/ सर्विस सेंटर हर्ष ह्युंदै इन्दौर में कराई गई। इसके पश्चात स्टार लाइन ऑटोमोबाइल्स के सतना वर्कशॉप में 11.05.2004 को मरम्मत हेतु प्रस्तुत की गई व 14.05.2004 को मरम्मत पश्चात् डॉ. नवीन मिश्रा को सौंपी गई एवं इसके पश्चात् दो बार मरम्मत हेतु स्टार लाइन ऑटोमोबाइल्स के वर्कशॉप में लाए जाने पर मरम्मत कर व्यय प्राप्त किया।
प्रकरण में स्वीकृत तथ्यों के अलावा डॉ. मिश्रा द्वारा प्रस्तुत परिवाद-पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि सेंट्रो कार क्रय किए जाने के पश्चात वह इन्दौर चला गया एवं वहां कार का उपयोग कर प्रथम 03 फ्री सर्विस अधिकृत सर्विस सेंटर हर्ष ह्युंदै के यहां कराई। 28.04.2003 को अंतिम सर्विस के समय वाहन 17643 किमी चल चुका था। इसके उपरान्त मई में वह रीवा आ गया एवं अक्टूबर 2003 में इंजन का आयल बदलवाया तथा वारंटी अवधि समाप्त होने के पूर्व मार्च के तीसरे सप्ताह में इंजन ऑयल लीक होने पर 26.03.2004 को स्टार लाइन ऑटोमोबाइल्स के वर्कशॉप में भेजा, लेकिन वर्कशॉप इंचार्ज द्वारा मरम्मत नहीं होना बताया गया। इसके पश्चात 06.04.04 को वाहन पुन: भेजा गया तथा वर्कशॉप इंचार्ज के कहने पर वाहन की मरम्मत कराकर बिल का भुगतान 14.0.5.2004 को 25572 रु. किया, लेकिन ट्रॉयल के दौरान इंजन ऑयल के लीकेज में कोई सुधार नहीं हुआ। इंजन ऑयल लीक होकर इंजन की आवाज आ रही थी तथा वर्कशॉ़प इंचार्ज को बताये जाने पर उसके द्वारा निर्माणी दोष होकर सुधारने में असमर्थता व्यक्त की गई। डॉ. नवीन मिश्रा के अनुसार उक्त वाहन के सुधार कार्य में लगभग 30,298/-रुपए खर्च हुये वर्कशॉप में लगभग डेढ़ माह वाहन खड़े रहने के कारण उसे अन्य वाहन में की व्यवस्था में 15000/-रुपए व्यय करना पड़ं एवं उसके चिकित्सा व्यवसाय में भी क्षति हुुई तथा उसके द्वारा दि. 14.08.2004 को स्टार लाइन आटोमोबाइल्स को नोटिस दिए जाने के बाबजूद उसके द्वारा नोटिस का कोई जबाब नहीं दिया और न ही वाहन में सुधार कार्य किया तथा दिनांक 01.09.2004 को अधिवक्ता के माध्यम से अनावेदकगण विधिक नोटिस भेजे जाने के बाबजूद भी उनके द्वारा कोई जबाब नहीं दिया गया। अत: डॉ. नवीन मिश्रा की ओर से परिवाद प्रस्तुत कर वांछित सहायता दिलाये जाने का निवेदन किया गया था।
प्रकरण में प्रस्तुत तर्को एवं न्याय दृष्टांतों के परिपेक्ष्य में प्रस्तुत साक्ष्य एवं दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि कार में ऑयल लीकेज की खराबी स्टार लाइन आटोमोबाइल्स के यहां मरम्मत के दौरान दर्शित हुई है, लेकिन मरम्मत के उपरान्त उक्त खराबी को ठीक नहीं किया जाकर सेवा में कमी की गई है।
अत: ऐसी स्थिति में प्रस्तुत साक्ष्य एवं दस्तावेजों के विवेचन के आधार पर स्पष्ट है कि डॉ. मिश्रा को क्रय की गई सेंट्रो कार स्टार लाइन आटोमोबाइल्स के वर्कशॉप में लगभग 2 वर्ष के उपयोग उपरान्त लाए जाने पर कार 24,254 कि.मी. चल चुकी थी एवं परीक्षण के दौरान 34,859 कि.मी. चल चुकी थी तथा वर्तमान में क्रय किए जाने के उपरान्त 12 वर्ष व्यतीत हो चुके हंै। अत: उक्त स्थिति में वाहन को बदलकर दिए जाने का कोई उचित आधार दर्शित नहीं होता है। धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986, स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि डॉ. मिश्रा द्वारा वाहन 30 दिन के भीतर स्टार लाइन ऑटोमोबाइल्स के वर्कशॉप में प्रस्तुत करने पर 60 दिन में डॉ. मिश्रा की कार के इंजन में आवश्यक पाटर््स बदलकर ऑयल लीकेज की खराबी सुधारेें। स्टार लाइन ऑटोमोबाइल्स डॉ. मिश्रा से प्राप्त मरम्मत राशि 30,298 रुपए अदा करे। स्टार लाइन आटोमोबाइल्स डॉ. नवीन मिश्रा को क्षतिपूर्ति के रुपए 10,000 एवं परिवाद व्यय के 5000 रुपए भी अदा करे।

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