पारिवारिक राजनीतिक पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र न के बराबर

परिवारवाद और व्यक्तिवाद से जन्म लेने वाली राजनीतिक पार्टियां देश में स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है!

इस तरह की पार्टियां लोकतंत्र के नाम पर राजतंत्र और सामंतवादी विचारधाराओं से संचालित होती हैं! इस तरह की राजनीतिक पार्टियों के गठन पर संवैधानिक रोक लगनी चाहिए!?

इंदौर, (री-डिस्कवर इंडिया न्यूज)। ठाकरे परिवार की शिवसेना, बिहार में लालू यादव परिवार की राजद, उत्तरप्रदेश में मुलायमसिंह यादव परिवार की समाजवादी (सपा), हरियाणा में चौटाला, तमिलनाडु में करुणानिधि परिवार की डीएमके के अलावा और भी सैकड़ों पार्टियां इस देश में व्यक्ति विशेष या परिवार विशेष के नाम पर राजनीति कर रही है! इस तरह की राजनीतिक पार्टियों का राजनीतिक क्षेत्र मुख्यत: क्षेत्रीय, भाषायी, जाति विशेष, धर्म विशेष होता है जो कि संविधान की मूलभावना के सर्वथा विपरीत है! ये राजनीतिक पार्टियां किसी एक व्यक्ति या एक परिवार की विचारधारा पर काम करती है! और इन पारिवारिक राजनीतिक पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र न के बराबर होता है! इन पार्टियों में विचारधारा, देशहित और सभी जाति, धर्मों, संप्रदाय और वर्गों के हित का सर्वथा अभाव होता है! इस तरह की राजनीतिक पार्टियां संकीर्ण मानसिकता, सीमित भौगोंलिक क्षेत्र, क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा वर्ग, जाति और संप्रदाय विशेष पर आधारित मौकापरस्त राजनीति कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकती है!
अंक गणित पर आधारित सत्ता प्राप्ति में इन पार्टियों की लॉटरी लग जाती है जब किसी राष्ट्रीय दल को बहुमत से मात्र कुछ सीटों की कमी हो जाती है एक बहुमत वाली सरकार बनाने में! उस समय ये पार्टियां ब्लैकमेलिंग, भारी धनराशि, महत्वपूर्ण मंत्री पद आदि की मांग कर सत्ता सुख हासिल कर लेती है! जो कि किसी भी देश के लोकतंत्र के लिए घातक है! खासकर हमारे देश के लिए तो इस तरह की पार्टियां जहर का काम कर रही है! इस तरह की पार्टियां सत्ता में भागीदार होने पर भारी भ्रष्टाचार करती है!
इस तरह की व्यक्ति विशेष और परिवाद से जन्मी राजनीतिक पार्टियों के गठन पर कानूनी प्रावधान होना चाहिए! या फिर किसी भी राजनीतिक पार्टी के विधायकों को मंत्री पद तभी मिलना चाहिए जब कुल सीटों में से 33 फीसदी सीट पर जीत हुई हो। ऐसा संविधान संशोधन मोदी सरकार को करना चाहिए। क्योंकि मंत्री पूरे राज्य के लिए होता है और सभी जाति और धर्मों के लिए जवाबदेह होता है।

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