@री डिसकवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर (Rediscover India News Indore)

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किशोर वाधवानी और गिरीश मतलानी होटल वाव (Hotel WOW Indore) के मालिको को कानून के रास्ते ब्लेकमेल करने के लिए उलझाया शातिर फर्जी किसान जगदीश पालीवाल ने!?

1986 में 2 लाख रुपए की क्या वैल्यू रही होगी यह आप समझ सकते हैं! 2 लाख रुपए में मात्र आवंटित 40 हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट को एक शातिर फर्जी किसान ने इंदौर के तुलसी मनवानी को पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से समस्त अधिकार देते हुए बेच दिया था!

इंदौर के एक कद्दावर कांग्रेसी नेता और केबिनेट मंत्री के दवाब में EOW ने ब्लेक मेलर जगदीश पालीवाल की झूठी कहानी पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय 2019 में एफ आई आर दर्ज की थी?

करोड़ों रुपये लेकर न्यायालय के बाहर समझोता किया लेकिन दूसरी बार EOW की खात्मा रिपोर्ट को खारिज किया न्यायालय ने!

EOW को चाहिए कि इंदौर विजय नगर निवासी जगदीश पालीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और झूठी एफ आई आर लिखाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करे।

पिछले 30 सालो से भी ज्यादा समय से इंदौर में रहने वाला शातिर ,जालसाज ,ठग और ब्लेकमेलर अपने आपको किसान कहने वाला ऑटो पार्ट्स व्यवसायी और जमीनों के गोरखधंधे का मास्टरमाइंड जगदीश पिता भागीरथ प्रसाद पालीवाल उम्र 63 वर्ष जिसने इंदौर के कई लोगो का पैसा हडपा है!

सन 1986 में मात्र 5000 रूपये एक आदमी से उधार लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण की स्कीम में 40 हजार स्क्वायर फीट के प्लाट जिसका लैंड यूज़ सिर्फ होटल था की निविदा में भाव भरकर अपने नाम से आवंटित करवाया!

चूँकि इसके पास प्लाट की लीज भरने के तकरीबन 13 लाख रूपये तो दूर की बात 13 हजार रूपये भी नहीं थे, यह बात जमीनों का शातिर यह जालसाज और मुनाफा खोर अच्छे से जानता था!

जब इंदौर विकास प्राधिकरण ने उसे लीज की रकम भरने की अंतिम तारिख से पहले तक कई नोटिस दिए उसके बाद भी ये लीज की रकम का इंतजाम नहीं कर पाया, तब इसने उस समय के अपने गाव के एक पहचान वाले के मित्र और उस समय के प्रख्यात व्यापारी मनवानी ब्रदर्स को रजिस्टर्ड अपर्वर्तनीय पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी के माध्यम से 2 लाख रूपये लेकर, उनको इस प्लाट में होटल बनाने के समस्त अधिकार और इसकी लीज किसी भी कंपनी के नाम करने के पूर्ण अधिकार दे दिए थे!

इसका उसी समय से इस प्लाट से कोई लेना देना शेष नहीं रह गया था !इस बात के 33 साल बाद, और इंदौर शहर में रहते हुए, वो भी इस प्लाट के मात्र कुछ कदम की दूरी पर !इसने कोई शिकायत न ही पुलिस थाने में और न ही इंदौर विकास प्राधीकरण में की? और न ही इस से सम्बंधित कोई जानकारी प्राप्त करने के लिए न ही पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी होल्डर तुलसी मनवानी से न फ़ोन पर ,न मोबाइल पर ,न ही पत्राचार द्वारा और न ही व्यक्तिगत रूप से कभी मुलाकात कर जानकारी पाने की चेष्टा की? न कभी इसके पुत्रो और अन्य रिश्तेदारों बहुओ और पत्नि तक को इस प्लाट के बारे में आज तक कुछ पता था?

न कभी इस प्लाट को इनकम टेक्स रिटर्न में दर्शाया गया? और न ही इंदौर विकास प्राधिकरण ,नगरनिगम, एम पी इ बी आदि में कोई शुल्क ,लीज ,टेक्स या बिल इसके द्वारा भरा गया? और न ही कोई रशीद इसके पास है? और न ही सिविल न्यायालय में कोई दावा लगाया? 

पिछले २० सालो से लाखो रूपये के कर्जे है !चेक बाउंस के मुकदमे चले ,उधारी चुकाने के लिए पुश्तैनी जमीन बेची ,नाते रिश्तेदारों को ठगा ,झगडा किये !इंदौर के विजयनगर स्थित मकान पर करोडो का कर्जा है उसकी किश्ते नहीं भरी! पंजाब नेशनल बैंक ने न्यायालय में मुकदमा लगा रखा है!

सन 2017-2018 में इंदौर के छावनी स्थित ब्लेक मेलर ,ठग और धोखेबाज के साथ मिलकर इसने मात्र दस्तावेजो के आधार पर असत्य तथ्यों को सत्य प्रतीत होने का झांसा देकर इस होटल बनाने वाली कंपनी के मालिको को ब्लेकमेल कर रूपये एठने की नीयत से राज्य आर्थिक अपराध और विजयनगर थाने में फर्जी ,झूठी और मनगढ़ंत शिकायते की और एक बिना सबूत और गवाह की फर्जी एफ आई आर दर्ज करवा दी थी!

पुलिस और जांच एजेंसियो को चाहिए की इस शातिर ,धूर्त और जालसाज तथाकथित किसान और इसके संगी साथियों की इस ब्लेकमेलिंग की साजिश की गहन जांच  कर इसके खिलाफ पुलिस और जांच एजेंसियों को झूठी ,मनगढ़ंत,तथ्यों को छिपाकर तोड़ मरोड़कर ब्लेकमेलिंग और अवैधवसूली और अड़ी बाजी की धाराओं में एफ आई आर दर्ज कर गिरफ्तार कर जांच कर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाय।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर (Pradeep Mishra Rediscover India News Indore)

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