@री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
महापौर साहेब? त्योहार और बाजार को किसी धर्म विशेष के राजनैतिक चश्मे से देखना महापौर पद को शोभा नहीं देता है!
कौन सी संविधान और कानून की किताब में और IAS /IPS की ट्रेनिंग में या लोक प्रशासन की किताबों में यह पढ़ाया या सिखाया जाता है कि, दीपावली जैसे बड़े त्योहार के दो चार दिन पहले और खरीदी बिक्री के सबसे शुभ दिन और सबसे पुण्य नक्षत्र वाले दिन बाज़ारों में जाकर उन्हें अतिक्रमण और अवैध निर्माण के नाम पर, भारी भरकम पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अमला ले जाकर मुख्य बाज़ारों को तहस नहस करना चाहिए!?
ऐसा काम तो मध्ययुगीन काल में आततायी चंगेज खां और तैमूर लंग जैसे जाहिल, बर्बर, लुटेरे करते थे!
त्योहार और बाजार सभी धर्मों, जातियों और सम्प्रदायों के होते हैं। त्योहारों से सभी धर्मों और जातियों का आर्थिक विकास, रोजगार और व्यवसाय परस्पर एक दूसरे से जुड़े होते हैं। त्योहारों में होने वाली खरीदी – बिक्री पर ही हमारे देश और समाज की आर्थिक उन्नति और संपन्नता निर्भर है।
और खासकर जब दीपावली और ईद जैसे बड़े त्योहार हो जो पूरे महीने मनाए जाते हो। दीपावली के त्योहार मे समाज के हर वर्ग को व्यवसाय करने का अवसर मिलता है! हर हाथ को काम मिलता है, जिससे दो पैसे कमाकर लोग अपने घर परिवार के लिए खुशियां और संपन्नता लेकर जाते है, तब जाकर लोगों के घरों में दिवाली और ईद जैसी खुशियां और प्रकाश आता है।
इंदौर महापौर का गुरुवार से एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वाइरल हो रहा है! इस वीडियो में फोन पर किसी जिम्मेदार अधिकारी को कह रहे हैं कि मेरे पास व्यापारियों के फोन आ रहे हैं। आप उन्हें अतिक्रमण के नाम पर क्यों परेशान कर रहे हैं? आपको हमारे बाजार ही दिखते हैं? कभी थोड़ा बंबई बाजार, खजराना और चंदन नगर भी जाओ न? वहां कारवाई करके दिखाओ। आपको सब हमारे ही बाजार में करना है। आप अपनी मर्जी से कहीं भी चले जाते हो। हमको बताओ न। आप व्यापारियों को परेशान मत करो।
दूसरी तरफ कल ही भारीभरकम फोर्स के साथ रीगल चौराहे पर स्थित पाकीजा शो रूम की छत पर 6000 स्क्वेयर फीट का अवैध निर्माण तोड़ा गया!!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर