बढ़ रहा है SUV का क्रेज, 40 फीसदी हुआ मार्केट शेयर!

देश में खत्म हो रहा है छोटी कारों का बाजार!

भारतीय समाज में सम्पन्नता, सफलता और दूसरे से बेहतर दिखने की होड़ में

मध्यमवर्गीय और उच्च मध्यमवर्गीय परिवार छोटी कारों से शिफ्ट कर रहे हैं बेहतर और 5 से 15 लाख रुपए के SUV मॉडल पर !

वही पैसे वाले और अभिजात्य वर्ग खरीद रहा है! BMW,AUDI, MERCEDEZ, FORD, LAND ROVER, PORSH जैसी अन्तराष्ट्रीय ब्रांड की 25 लाख से 1 करोड़ रुपए तक की SUV कार !

इंदौर, (री-डिस्कवर इंडिया न्यूज)। भारत में कार खरीदना संपन्नता और सफलता की निसानी है! मध्यमवर्गीय और उच्च मध्यमवर्गीय भारतीयों में कारों के माध्यम से भी समाज में अपनी विशिष्टता और सम्पन्नता का प्रदर्शन किया जाता है! 1990 के पहले कार सिर्फ रहीशों और अभिजात्य वर्ग तक ही सीमित थी। आम भारतीय निम्न और मध्यमवर्ग कार खरीदने और कार रखने की सोच और मानसिकता ही नहीं रखता था!
देश शुक्रगुजार है मारुती कंपनी का जिसने भारत के निम्न और मध्यमवर्गीय लोगों तक कार को उपलब्ध करवाया वरन उनकी सोच और मानसिकता में यह विचार अच्छी तरह से भर दिया है की कार सिर्फ बिलासता और बड़े लोगों का वाहन नहीं है इसे आम भारतीय भी खरीद सकता है और आज के युग में एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए जिस तरह खुद का फ्लैट, एलईडी, फ्रीज, वाशिंग मशीन होना अनिवार्य और आवश्यक है ठीक उसी तरह कार का होना भी जरुरी है। 1990 के शुरूआती दिनों से करीब दो दशकों में पुरे भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों को मारुती, टाटा और हुंडई ने अपनी छोटी कारों से पाट दिया! शायद ही कोई ऐसा मध्यमवर्गीय परिवार आज पूरे भारत में होगा, जिसके पास कार मारुती, टाटा और हुंडई की कार न हो !
इंसानों के मस्तिष्क में एक ऐसी चीज है जो उसे प्रकृति के दूसरे जीवों से अलग करती है वह है उसकी बुद्धि और सोचने के क्षमता और यही बुद्धि और सोचने की क्षमता ने उसे दूसरे से बेहतर और साधन संपन्न दिखाने की होड़ और प्रतिस्पर्धा की मानसिकता को जन्म दिया! दूसरे से बेहतर और साधन संपन्न दिखाने की होड़ और प्रतिस्पर्धा की इस मानसिकता में भारत का समाज फिर चाहे निम्न हो या मध्यमवर्गीय या फिर उच्च मध्यमवर्गीय हो या अभिजात्य सबसे आगे है! इसी मानसिकता की वजह से अब भारत में छोटी गाडियों से लोगों का मोह खत्म होने लगा है! चूंकि आज भारत में छोटी कारें प्राय: सभी निम्न और मध्यमवर्गीय परिवारों के पास है अत: समाज में सम्पन्नता और बेहतर सफलता को दिखाने की होड़ में बड़ी गाडिय़ों, बेहतर और महंगे माडलों की कारों को पसंद किया जा रहा है! उसी परिपेक्ष में आज भारत में SUV का बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है वहीं छोटी कारों का बाजार अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है! ज्यादा बेहतर और ज्यादा बड़ा साल 2014 से 2019 के बीच यूटीलिटी व्हीकल सेगमेंट का मार्केट शेयर बढ़कर करीब 40% हो गया है!

साल 2020 में स्ङ्क सेगमेंट निकल जाएगा छोटी कारों से आगे

आंकड़ों की मानें, तो स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल्स (SUV) की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में साल 2020 तक यूटिलिटी व्हीकल्स की बिक्री छोटी कारों से ज्यादा हो सकती है और यह देश में सबसे ज्यादा सेल्स वाला सेगमेंट बन सकता है। इकनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक साल 2019 के अंत तक मार्केट में छोटी कारों की हिस्सेदारी 40% और SUV की 38% होगी। 2020 में स्ङ्क सेगमेंट छोटी कारों से आगे निकल जाएगा।

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