अब इस देश में कहने को क्या बाकी रहा!?
हाईकोर्ट के 10 जज जो उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन से डरते थे! और उसके खौफ से जमानत दे देते थे ये कहना है “आज तक” राष्ट्रीय मीडिया चेनल मे प्रसारित खुलासे का
@प्रदीप मिश्रा
री डिसकवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर


दिनांक 17 अप्रैल 2023, सोमवार की रात 9 बजे देश के प्रख्यात राष्ट्रीय मीडिया इलेक्ट्रॉनिक चेनल “आज तक” मे आज तक के वरिष्ठ पत्रकार और एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो “ब्लैक एंड व्हाइट” पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के 10 जजो पर जो आरोप लगाया है! उससे देश की न्यायपालिकाओ मे बैठे जजो कि विश्वसनीयता, न्याय देने के प्रति साहस और देश के करोड़ों देशवासियों का देश के न्यायालयो के प्रति विश्वास, सम्मान और आदर की निष्ठा, समर्पण और भाव को चकनाचूर करके रख दिया है!
आज तक के वरिष्ठ पत्रकार या संपादक सुधीर चौधरी ने जो आरोप इलाहाबाद हाई कोर्ट के तत्कालीन 10 जजो पर लगाए हैं! उसका आधार क्या है? वो तो या तो वही बता सकते हैं? या फिर वो तत्कालीन 10 जज जो सन 2010 से 2012 तक हाईकोर्ट मे जज के पदों पर सुशोभित थे!? और फैसले लिख रहे थे! या फिर आज तक और वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट स्वयं करे!
दूसरी बात सन 2010 से 2012 तक इलाहाबाद हाई कोर्ट मे पदस्थ इन 10 जजो को स्वयं आगे आकर आज तक चेनल के मालिकों और वरिष्ठ पत्रकार या सम्पादक सुधीर चौधरी के खिलाफ अपराधिक और सिविल मानहानि के साथ न्यायालय की अवमानना, , बिना किसी ठोस आधार के झूठे आरोप लगाकर पूरी दुनिया में भारत की न्यायिक प्रणाली और जजो के व्यक्तित्व को बदनाम और न्यायलयों से मिलने वाले न्याय पर सवालिया प्रश्न खड़ा कर दिया!? का मुक़दमा दर्ज करवाना चाहिए
*नोट*: 17 अप्रैल 2023 रात 9 बजे चेनल आज तक मे प्रसारित किए जाने वाला प्रोग्राम “ब्लैक एंड व्हाइट” जिसे आज तक के वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी प्रस्तुत करते हैं कि वीडियो आप यू ट्यूब मे देख सकते हैं!
17 अप्रैल 2023 की रात 9 बजे वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने प्रोग्राम ब्लैक एंड व्हाइट पर क्या आरोप लगाए यहा हम पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं! आप भी पढ़े – बकौल वरिष्ट पत्रकार सुधीर चौधरी “आज तक ” सबसे तेज – की जबानी -*
हमारे देश के लोगों को हमारी न्याय व्यवस्था से निराशा *क्यों होती है! आज उस पर हम आपके सामने और इस देश के सामने एक बहुत बड़ा खुलासा कर रहे हैं!
और ये खुलासा आप ध्यान से सुनिएगा और देखियेगा!
यह खुलासा इलाहाबाद के उन 10 जजो को लेकर है! इलाहाबाद हाई कोर्ट के उन 10 जजो को लेकर है जो अतीक अहमद से इतना डर गए थे कि उन्होने अतीक अहमद की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से ही इंकार कर दिया! और अपने आपको इस मामले से बचाते रहे!*
अब आप सोचिए कि कैसा अपराधी होगा जिससे जज ही डर जाए!
और अगर जज डरा हुआ है! अदालत डरी हुई है! तो फिर वो अपराधी को क्या सजा देगी!
और बाद में फिर इस अपराधी को इस तरह ऑन द स्पॉट सजा दी जाती है! तो देश के लोग तालियां क्यों न बजाए! यह एक बड़ा सवाल है!
देश के लोगों को यह बात हम पहली बार बता रहे हैं!
यह मामला सन 2010 का है, जब अतीक अहमद ने जमानत के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट मे अर्जी दी थी!
लेकिन इसके बाद एक एक कर के हाईकोर्ट के 1,2,3 या 4 नहीं हाईकोर्ट के पूरे 10 जजो ने उसकी जमानत पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था!
क्योंकि उन्हें डर था कि यदि उन्होंने अतीक अहमद की जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया और उसे बेल नहीं दी तो, अतीक अहमद उन्हें जिन्दा नहीं छोड़ेगा! अतीक अहमद उनकी हत्या कर देगा!
इसलिए वो 10 जज अतीक अहमद की जमानत की अर्जी पर सुनवाई करना ही नहीं चाहते थे! क्योंकि वो जानते थे कि अगर उन्होने ज़मानत नहीं दी! सुनवाई करके जमानत नहीं दी तो उनकी खैर नहीं! और कैसे ये डर गए!
सबसे पहले जिस जज ने सुनवाई की
रिटायर्ड जज अरविंद कुमार त्रिपाठी, फिर जज बी. एन शुक्ला, जज सुनील कुमार तिवारी, जज अशोक कुमार रुपनवाल, जज एस. सी अग्रवाल………. इस तरह कुल 10 जज!
जनवरी- 2010 से 2012 तक ये जज यह मामला एक दूसरे पर टालते रहे!*
और फिर जिस ग्यारहवे जज (देवेन्द्र प्रताप सिंह) ने सुनवाई की उन्होंने अतीक अहमद को जमानत दे दी! यानी हो सकता है कि उनपर जबरदस्त दवाब रहा हो! और उन जज साहब ने भी यह सोचा हो कि जमानत नामंजूर नहीं करना है! अगर जमानत नहीं दी तो मेरा भी वही हश्र होगा जैसा कि बाकी लोगों का हो रहा है! भला है कि ज़मानत दे दू!
पाठकों को यह बता रहे हैं – अतीक अहमद पर इलाहाबाद के घूमनगंज पुलिस थाने में उत्तर प्रदेश गैंग स्टर एक्ट की धारा 2/3 और प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल ऐक्टिविटीज एक्ट 1986 के तहत अपराध क्रमांक 419/ 2007 दर्ज की थी
जिसमें अतीक अहमद की जमानत पर सुनवाई I
इलाहाबाद हाई कोर्ट मे
MCRC नंबर 10780/ 2009 है जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट की official website पर जाकर देखा जा सकता है!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर

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