विधायकों को विधानसभा के अन्दर से लात-घूसों और मक्कों से मारते धकियाते बाहर लाए पुलिस और सुरक्षाकर्मी

@प्रदीप मिश्रा, री-डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर

पटना। लोकतंत्र को शर्मशार और लज्जित करने वाली यह घटना बिहार विधानसभा के अन्दर घटित हुई। मंगलवार को बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सदन के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि पुलिस (police) सदन के अंदर आई। इस दौरान विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई।
कांग्रेस विधायक सत्येंद्र सिंह ने सदन से बाहर निकाले जाने के बाद हांफते हुए मीडिया को बताया कि पटना कलेक्टर (collector) ने पुलिसकर्मियों से मुझे मारने के लिए कहा और मेरे साथ गाली-गलौज किया। एसपी ने छाती पर बूट रखकर मुझे मारा। ये ज्यादती नहीं है बल्कि ये लोकतंत्र की हत्या है। हम लोग बिल का विरोध कर रहे हैं, लेकिन यहां पर गुंडई की जा रही है।
विधानमंडल के बजट सत्र का 20वां दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी विधायकों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (police) विधेयक पर चर्चा के दौरान जमकर बवाल कर रहे थे । विधायकों के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही को चार बार स्थगित करना पड़ा। इसके बावजूद भी जब विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा जब अपने चैंबर से सदन की तरफ जाने लगे तो विपक्षी विधायकों ने उन्हें बंधक बना लिया। इस दौरान जब पटना के कलेक्टर (collector) और एसएसपी (SSP) विधानसभा अध्यक्ष को छुड़ाने पहुंचे तो उनके साथ भी विधायकों ने धक्कामुक्की की।
बाद में अधिकारियों का आदेश मिलते ही मार्शलों ने विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर फेंकना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से कई विधायक गंभीर रूप से घायल हो गए। विधानसभा के मार्शलों ने महिला विधायकों को भी नहीं बख्शा। महिला विधायकों को भी सुरक्षाकर्मियों ने घसीट कर बाहर निकाला। अपने महिला विधायकों के साथ हुए दुव्र्यवहार पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि लोकलाज त्याग चुके लज्जाहीन नीतीश कुमार के आदेश पर हमारी क्रांतिकारी माननीय महिला विधायकों को ब्लाउज़ से पकड़ कर खींचा गया। उनकी साड़ी खुली, धक्का दिया गया, बता नहीं सकने वाली बदसलूकी की गई, लेकिन मुख्यमंत्री को शर्म नहीं आती।
साथ ही उन्होंने कहा कि निहत्थी महिला विधायकों की इज्जत तार-तार होने पर क्या निर्लज्ज नीतीश कुमार को नींद आएगी? इसके अलावा तेजस्वी यादव ने कहा कि सदन के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि पुलिस सदन के अंदर आई। कलेक्टर (collector) ने विधायकों को घसीट कर सदन से बाहर निकाला। यह काला दिन है। लाखों लोग मिलकर विधायक को चुनकर सदन में भेजते हैं, लेकिन किसी महिला विधायक के बाल खींचे गए तो किसी विधायक को लात और जूते से मारा गया।

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