औचक निरीक्षण के दौरान डीजी ने दिया आदेश
इंदौर। जीआरपी थाना इंदौर में पदस्थ 21 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। जीआरपी थाने का प्रभार संभाल रहे सब इंस्पेक्टर जेपी दुबे के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश हुए हैं। एक औचक निरीक्षण के दौरान यह आदेश रविवार रात स्पेशल डीजी रेल मैथलीशरण गुप्त ने जारी किए हैं। सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों ने चार एएसआई, छह हवलदार और 11 सिपाही शामिल हैं। इन सभी पुलिसकर्मियों को प्लेटफॉर्म रेल रक्षा समिति, क्लस्टर रेल रक्षा समितित और आउटर रेल रक्षा समिति के साथ लगातार संपर्क में बने रहने के निर्देश दिए गए थे। इन समितियों में कुली, वेंडर, ऑटो चालक, रेलवे कर्मचारियों और कुछ अन्य लोगों को शामिल किया गया है। इसका मकसद है कि समिति के सदस्य से ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर आपराधिक वारदात करने वाले बदमाशों की जानकारी मिलती रहे। गुप्त के मुताबिक औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने इन सभी पुलिसकर्मियों को दी गई जिम्मेदारी न निभाने का दोषी पाया और उनके निलंबन आदेश जारी कर दिए। सूत्रों के मुताबिक स्पेशल डीजी रेल जल्द ही भोपाल जीआरपी का भी औचक निरीक्षण करने वाले हैं।
रिश्वत में दो नापतौल अधिकारियों को जेल
छिंदवाड़ा। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अतुल खंडेलवाल ने दो नापतौल अधिकारियों चंद्रशेखर परिहार औररामकृष्ण कुमरे को रिश्वत लेने का दोषी पाया है। उन्होंने चंद्रशेखर को 3 साल और 5 हजार रुपए के अर्थदंड एवं रामकृष्ण को 2 साल की सजा और 2 हजार रुपए का अर्थदंड किया है। दोनों ने इंद्र इंडेन गैस एजेंसी के गोदाम का निरीक्षण किया था। इसमें सिलेंडर कम पाए गए थे। इसे लेकर अधिकारियों ने रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त ने इन अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया था। इस मामले में न्यायालय में चली सुनवाई के बाद साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने दोनों अधिकारियों को कारावास और अर्थदंड किया है।

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