दाल, चावल, शकर, प्याज, तेल व गेहूं तक विदेशों से मंगाने पड़ते हैं!
आजादी के 67 साल बाद भी शर्म की बात है… मोदी ‘मेक इन इंडियाÓ के नाम पर देश में क्या…
आजादी के 67 साल बाद भी शर्म की बात है… मोदी ‘मेक इन इंडियाÓ के नाम पर देश में क्या…
जब से देश में उदारीकरण और निजीकरण का युग शुरू हुआ, तब से ही देश के समृद्ध और आर्थिक रूप…
देश में अपना वर्चस्व जमाने में लगा है विदेशी निवेश इंदौर। एक हजार सालों की विदेशी गुलामी और राजे-रजवाड़ों की…
महंगाई, सरकारी भ्रष्टाचार, त्वरित न्याय, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य व मकान का हल क्या है? जिस देश की 80 प्रतिशत जनसंख्या…
पवित्र धर्म को दुनिया में शर्मशार कर रहे हैं धर्म के ठेकेदार तु लसीदास, रैदास, चैतन्य, कबीर, रहीम, गुरु रामदास,…