श्रेष्ठ मानव के मानवीय गुणों के आधार पर सरकारी सिविल और प्रशासनिक नौकरी में हो छात्रों का चयन!

केंद्र और राज्य स्तरीय सिविल और प्रशासनिक सेवा की प्रवेश परीक्षाओं में चयन का आधार सिर्फ किताबी पढ़ाई पर आधारित परीक्षाओ की मेरिट नहीं होना चाहिए!?

@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
पिछले 70 सालो के केंद्र और राज्य सरकारों की सिविल और प्रशासनिक सेवाओं मे अधिकारियों को चयन करने की प्रवेश परीक्षाओं खासकर यूपीएससी (UPSC)और पीएससी (PSC)जैसी परीक्षाओं ने जिन अधिकारियों का चयन किया है उनमें से कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकांश, सरकारी नौकरी में आने के बाद अक्षम, भ्रष्ट, गुलाम, डरपोक, गैर जिम्मेदार, अहंकारी, अदूरदर्शी, संवेदनहीन और गैर कानूनी साबित हुए हैं! जिसकी वजह से इन सिविल सेवा भर्ती प्रवेश परीक्षाओ की कसौटी पर ही सवालिया प्रश्न चिन्ह लगाता है!
किसी भी छात्र के स्कूल, कॉलेज की परीक्षाओ में प्राप्त अंकों के आधार पर उसकी योग्यता, अयोग्यता, सफलता और असफलता का निर्धारण करने का अधिकार अमानुशिक और अन्यायपूर्ण है !
यूपीएससी (UPSC) और पीएससी (PSC) जैसी परीक्षाओं में इंटरव्यू में किसी छात्र से शैक्षणिक और किताबी प्रश्नो से परखने के बजाय छात्र के नेतिक गुणों खासकर ईमानदारी, परिश्रम, लगन, साहस, धैर्य, बुद्धि और विवेकशीलता के साथ महिलाओं, बुजुर्गो, मानवीय सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों के प्रति उसकी सम्वेदनशीलता और निष्ठा को भी चयन का आधार बनाना चाहिए!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
One thought on “श्रेष्ठ मानव के मानवीय गुणों के आधार पर सरकारी सिविल और प्रशासनिक नौकरी में हो छात्रों का चयन!”
  1. Write more, thats all I have to say. Literally, it seems as though
    you relied on the video to make your point. You obviously know what youre
    talking about, why waste your intelligence on just posting videos to your blog when you could be giving us something
    enlightening to read?

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