byke

फोरम ने श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह बीमित राशि 39 हजार रुपए का तत्काल भुगतान करे
सतना। स्वर्गीय पति द्वारा खरीदी गई बाइक चोरी होने पर पत्नी द्वारा पेश बीमा दावे को मानने से कंपनी ने इस आधार पर इनकार कर दिया कि इसकी तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई। इस मामले में उपभोक्ता फोरम ने कहा कि बाइक चोरी की तत्काल एफआईआर जरूरी नहीं है। फोरम ने दावा स्वीकार करते हुए श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेश दिया कि वह बीमित राशि 39 हजार रुपए का तत्काल भुगतान करे।
मामला पूजा दुबे का है। पति दीपक दुबे द्वारा खरीदी गई होंडा स्टेनर बाइक चोरी होने पर उन्होंने बीमा कंपनी में समस्त दस्तावेजों सहित क्लेम प्रस्तुत किया, जिसे कंपनी ने अस्वीकृत कर दिया। इसे सेवा में कमी बताकर बीमा दावा राशि 39,000 रुपए मय ब्याज व 50,000 रुपए क्षतिपूर्ति दिलाए जाने हेतु धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया। बाइक क्र. एमपी 19 एमसी 6178 का बीमा पॉलिसी क्र.10004/31/11/28219 द्वारा 15 मार्च 2011 से 14 मार्च 2012 तक की अवधि के लिए किया गया था। 30 मई 2011 को फौजदार कंपनी पन्ना नाका से बाइक चोरी होने पर सूचना थाना सिटी कोतवाली व बीमा कंपनी को दी गई तथा अपराध क्र.292/11 धारा-379 भादवि का पंजीबद्ध कर उक्त प्रकरण में 05 फरवरी 13 को खात्मा मंजूर किया गया। इसके बाद बीमा कंपनी ने समस्त दस्तावेजों सहित बीमा कंपनी को दावा प्रपत्र भरकर दिया गया, लेकिन बीमा कंपनी द्वारा दावे का भुगतान नहीं किया। फोरम के नोटिस के जवाब में बीमा कंपनी ने कहा कि पूजा दुबे द्वारा चोरी बाइक की सूचना 17 अगस्त 2011 को 75 दिन बाद दर्ज कराई गई तथा कुल कीमत 10,000 रुपए लिखाई गई। इससे पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन होता है तथा साथ ही बाइक को निर्धारित पार्किंग में खड़ा न कर असुरक्षित अवस्था में खड़े किए जाने के कारण चोरी हुई तथा पुलिस को समय से सूचना नहीं दिए जाने के कारण बाइक को पकडऩे का अवसर नहीं दिया। बीमा कंपनी को तत्काल सूचित नहीं किया, जिससे कि पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन हुआ। कंपनी द्वारा आवश्यक दस्तावेजों हेतु पत्र भेजे गए, लेकिन उनके आधार पर कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, जिसके कारण उनके दावे को नो क्लेम किया गया। फोरम ने माना कि प्रकरण में चोरी की रिपोर्ट बीमाधारक दीपक दुबे द्वारा 31 मई 2011 को चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट तत्काल लेखबद्ध नहीं किए जाने के लिए पूजा दुबे को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। अत: ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा क्लेम को नो क्लेम किए जाने में सेवा में कमी किया जाना प्रमाणित होता है। इस पर फोरम ने आदेश दिया कि बीमा कंपनी पूजा दुबे को बाइक की बीमित राशि 39,000 रुपए का भुगतान करे। उक्त राशि पर वाद प्रस्तुति 22 मई 2013 से अदायगी दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज भी अदा करे। साथ ही क्षतिपूर्ति राशि 1000 रुपए और परिवाद व्यय 1000 रुपए एवं हर्जाने की राशि 2,500 रुपए अदा करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *