दुनियाभर से करीब 40 करोड़ एक्टिव यूजर्स सिर्फ मोबाइल पर फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। ये फेसबुक के कुल एक्टिव यूजर्स का लगभग 30 फीसदी हिस्सा है।इस पर कम्युनिटी लगातार बढ़ रही है और हम बाकी दुनिया से जुडऩे का एक शानदार मौका देख रहे हैं। फेसबुक की कुल आबादी करीब 113 अरब यूजर्स है, जिसमें से लगभग 10 करोड़ यूजर्स भारतीय हैं। हर महीने एक अरब से ज़्यादा लोग मोबाइल पर फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं, पिछले कुछ महीनों में सिर्फ मोबाइल पर फेसबुक यूज़ करने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सोशल साइट फेसबुक भले ही दोस्ती करने और संदेशों का आदान-प्रदान करने का सरल माध्यम है, लेकिन दुरुपयोग के चलते इसका घिनौना और भद्दा चेहरा भी सामने आने लगा है। पिछले एक वर्ष में फेसबुक के जरिये कई विवादास्पद मामले बवाल खड़ा कर चुके हैं। फेसबुक लोगों को जोड़ता है, बिछड़े हुओं को मिलाता है और जवां दिलों को करीब लाता है, लेकिन हाल ही में लोगों ने फेसबुक पर एक नया प्रयोग भी शुरू किया है। इस प्रयोग के बाद फेसबुक दंगे करा रहा है। सांप्रदायिक रंग में रंगे फेसबुक पेज और अकाउंट माहौल बिगडऩे में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। देशभर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जहां फेसबुक की मदद से सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। बरेली से लेकर बिलासपुर तक और खंडवा से लेकर दिल्ली तक से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इस ज़हर से कैसे निपटा जाए, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं हैं। सवाल ये है कि क्या सोशल साइटों पर फैल रहे जहर के इस जाल को सरकार काट पाएगी और सवाल ये भी है कि कब तक हम इतने कमजोर रहेंगे कि कोई फेसबुक पोस्ट हमारी भावनाएं आहत करती रहे। सवाल कई हैं, लेकिन जवाब किसी के भी पास नहीं। ऐसे में आखिर ये सवाल हमें खुद से पूछना चाहिए कि आखिर ये उन्माद कब तक।
फेसबुक पर टिप्पणी से खंडवा में तनाव

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फेसबुक पर एक समुदाय विशेष के विरुद्ध की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद खंडवा में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। शहर में आक्रोशित भीड़ ने जगह-जगह प्रदर्शन, नारेबाजी और पत्थरबाजी की। एक राहगीर के साथ मारपीट कर उसे चाकू मार दिया गया। इससे उसकी मौत हो गई, वहीं पथराव रोकने पहुंचा एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया। पुलिस ने शहर में निषेद्याज्ञा लागू कर दी है। घटना की शुरुआत फेसबुक पर समुदाय विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक पोस्ट के बाद लोगों में रोष फैल गया और रात करीब 8 बजे तक शहर में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। इसके बाद शहर में कई स्थानों से प्रदर्शन की जानकारी आने लगी।
विदेश में बैठकर करवाया मेरठ में बवाल

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देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी और फोटो अपलोड करने वाला विदेश में है। वहीं से उसने फेसबुक पर अकाउंट बनाया और आपत्तिजनक सामग्री अपलोड कर देश के लोगों के एकाउंट पर पोस्ट की। इस हरकत का पता चलने के बाद मेरठ में वेस्ट एंड रोड स्थित शनि मंदिर में संतों की बैठक हुई। हिंदू देवी-देवताओं के संबंध में फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी और फोटो पर आक्रोश जताया। फिर सदर बाजार थाने में हंगामा व प्रदर्शन किया। अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। तीन दिन तक पुलिस उस अकाउंट की डिटेल खंगालने में जुटी रही। हैदराबाद की आईटी जांच एजेंसी से मदद ली, जिसमें पता चला कि फेसबुक अकाउंट किसी भारतीय का नहीं है और वह विदेश से अकाउंट को संचालित कर रहा है। फिलहाल पुलिस अधिकारी अकाउंट खोलने वाले शख्स का नाम और जिस देश में वह बैठा है, उसका नाम नहीं खोल रहे। अधिकारियों का कहना है कि आईटी एक्सपर्ट से इसकी आधिकारिक लिखित रिपोर्ट लेंगे, तभी स्पष्ट होगा कि आईपी एड्रेस जिस व्यक्ति का है, वह किस देश का रहने वाला है।
फेसबुक बना काल

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एक युवती को फेसबुक पर दोस्ती करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। 7-8 महीने पहले रूबी की फेसबुक पर पटना के एक लड़के से दोस्ती हुई। वह फेसबुक पर इतनी व्यस्त रहने लगी कि उसे अपने पति की कोई परवाह ही नहीं थी। जानकारी के अनुसार मकतूल रूबी आरोपी रवि की दूसरी पत्नी थी। रवि एलएलबी पास है। उसकी 7 साल पहले आगरा के बलकेश्वर कॉलोनी निवासी रेखा से उसकी पहली शादी हुई थी, जिससे उसका एक 6 साल का बेटा भी है। जब वह जाजमऊ की एक सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी करता था, तो वहां रूबी सोनकर से प्रेम संबंध बन गए। रवि ने आर्य समाज मंदिर में रूबी से शादी कर ली। रवि ने रूबी को आगे पढाया-लिखाया। उसके पूरे परिवार का खर्च उठाया। रवि अपनी पत्नी रूबी को मना कर रहा था कि वह फेसबुक की तरफ ज्यादा ध्यान न दे, लेकिन वह कुछ समझना ही नहीं चाहती थी। फिर वह दोनों बाहर घूमते रहे। घूमते-घूमते रवि उसे लेकर बैराज की रेलिंग के पास खड़ा हो गया। जब तक वह कुछ समझती रवि ने उसका मोबाइल छीनकर उसे उफनती गंगा में फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी पति रवि को पत्नी की हत्या करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया है।
बाल ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी महंगी पड़ी

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शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के निधन के बाद ‘मुंबई बंदÓ की फेसबुक पर आलोचना करने वाली एक लड़की को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस का कहना है कि इस लड़की की पोस्ट को ‘लाइकÓ करने वाली उसकी एक दोस्त को भी गिरफ्तार किया गया था। लड़की पर ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचानेÓ का आरोप लगा है। बाद में उसे अदालत में पेश करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। इन दोनों लड़कियों को आईपीसी की धारा 505 और आईटी एक्ट की धारा 66 ए के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था। हाल के महीनों में पुलिस ने फेसबुक और ट्विटर पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के लिए कई लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले महीने पॉन्डिचेरी में पुलिस ने एक 46 वर्षीय कारोबारी रवि श्रीनिवासन को गिरफ्तार किया, क्योंकि उन्होंने अपने ट्वीट में भारतीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की आलोचना की। सिंतबर में कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को मुंबई में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इससे पहले अप्रैल में पश्चिम बंगाल में एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करने वाले कार्टून अपने दोस्तों को ईमेल किए।
फेसबुक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया

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ऑस्ट्रिया में एक कानूनी छात्र ने राजधानी वियना की एक वाणिज्यिक अदालत में फेसबुक के खिलाफ निजता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया है। फेसबुक द्वारा किए गए निजता उल्लंघन की वजह से कानून के छात्र उसके प्रति उपयोगकत्र्ताओं के लिए 500 यूरो, 41,000 रुपए का हर्जाना चाहते हैं। मैक्स ने 1.32 अरब फेसबुक उपयोगकत्र्ताओं से उनकी इस कानूनी लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया है। फेसबुक के उल्लंघनों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। स्क्रेम्स ने फेसबुक क्लास एक्शन वेबसाइट पर लिखा। इस क्लास एक्शन मुकदमे के लिए हमने निजता नीति, प्रिज्म कार्यक्रम में प्रतिभागिता, फेसबुक ग्राफ सर्च फेसबुक पर एप्स औरों के वेब पेज की पड़ताल करना और बिग डाटा सिस्टम जैसे कानूनों के उल्लंघन के मामलों को चुना है। रिपोर्टों के मुताबिक 26 वर्षीय मैक्स ने कहा है कि हमारा उद्देश्य फेसबुक को अंतत: डाटा संरक्षण के क्षेत्र में विधिवत रूप से कार्य करने के लिए बाध्य करना है। यह कानूनी कार्यवाही, क्लास एक्शन मुकदमे के रूप में चलेगी, क्योंकि ऑस्ट्रिया का कानून किसी जन समूह को अपने वित्तीय दावे एक ही व्यक्ति को सौंपने की इजाजत देता है।
छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक वैमनस्य

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फेसबुक पर एक धार्मिक फोटो का कथित अपमान और आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद तनाव फैल गया। पिछले दिनों शहर में कई जगह विरोध-प्रदर्शन हुए। कुछ इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। भीड़ ने और प्रशासनिक अधिकारियों पर हमला भी किया, जिसमें एक मीडियाकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए।
फेसबुक फ्रेंड ने युवती से किया रेप

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पुलिस ने 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती का कथित रूप से अश्लील वीडियो बनाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में भावनगर के एक छात्र को गिरफ्तार किया था। इंदौर में पढ़ाई के दौरान उसकी दोस्ती फेसबुक पर गुजरात के भावनगर में रहने वाले ऋषभ कटोदिया (25) से हुई थी। ऋषभ भी सिविल इंजीनियरिंग का छात्र था। पुलिस ने आरोपी को भादवि की धारा 376, धारा 354, धारा 506 और 66 (ए) आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।

साइबर क्राइम नाम का ये नाग अपना फन पसारे दुनिया के सामने खड़ा

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  • दुनिया बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है। इंटरनेट एक ऐसा माध्यम बनता जा रहा है, जिसकी वजह से लोग एक-दूसरे के करीब आते जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं सोशल मीडिया की, जहां हम नए रिश्ते बनाते हैं। सोशल मीडिया चैटिंग, डेटिंग और फ्रेंडशिप का नया ट्रेंड बनता जा रहा है। इसे एक ऐसा माध्यम समझा जा सकता है, जिसे आप अपना दिल बहलाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
  • हमेशा सिक्के के दो पहलू होते हैं। सोशल मीडिया आजकल एक ऐसा माध्यम बनता जा रहा है, जहां साइबर क्राइम बढ़ता ही जा रहा है। सोशल मीडिया का ये नया रूप दिन-रात और भी विभत्स होता जा रहा है। सोशल मीडिया पर युवा वर्ग और औरतों के लिए हो रहे साइबर क्राइम दिनोदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि, यह सिलसिला नया नहीं है। पिछले कई सालों से साइबर क्राइम नाम का ये नाग अपना फन पसारे दुनिया के सामने खड़ा है। अकेले भारत में ही साइबर क्राइम, सोशल मीडिया ने कई जिंदगियां बरबाद कर दी हैं।
  • इसके अलावा साइबर पोर्नोग्राफी और ऑनलाइन गैंबलिंग ने भी लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। देश में साइबर क्राइम के मामले में इंदौर 8वें नंबर पर है। नेशनल क्राइम रिकाड्र्स ब्यूरो, एनसीआरबी द्वारा देश के 35 बड़े शहरों में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है। साइबर अपराध आने वाले कुछ वर्षों में वित्तीय फर्जीवाड़े का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन सकता है। कंसल्टेंसी एजेंसी प्राइस वाटर हाउस कूपर्स पीडब्ल्यूसी द्वारा किए गए वैश्विक आर्थिक अपराध सर्वेक्षण, 2014 में यह बात सामने आई है।
  • इस सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वालों में 48 फीसद ने साइबर अपराध के खतरे में वृद्धि की बात स्वीकार की है। वर्ष 2011 की तुलना में यह 39 फीसद अधिक है। दिलचस्प है कि जालसाजी के शिकार वित्तीय सेवा प्रदान करने वाले संगठनों में 45 फीसद ने खुद को साइबर क्राइम का शिकार बताया। चार में से एक साइबर अपराध का अनुभव कर चुका था। अन्य सेक्टरों की तुलना में यह तकरीबन तीन गुना तक ज्यादा है।
  • वर्तमान में वित्तीय फर्जीवाड़े में गबन, 69 फीसद सबसे ऊपर है। इसके बाद खरीद प्रक्रिया में जालसाजी, 29 फीसद और घूस व भ्रष्टाचार 27 फीसद का नंबर आता है। साइबर अपराध इस सूची में चौथे स्थान, 24 फीसद पर है। सर्वे में शामिल 30 फीसद लोगों ने माना कि संपत्ति के गबन के बाद साइबर अपराध दूसरे नंबर पर आ जाएगा। 14 फीसद लोगों ने इसके तहत होने वाले जालसाजी का वित्तीय प्रभाव 60 लाख से छह करोड़ रुपए तक माना। रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराध सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि बिजनेस स्ट्रेटजी की भी समस्या है।
  • लकी ड्रॉ में कार खुलने और कूपन में लाखों की इनाम खुलने के नाम पर ग्रामीण ठगे जा रहे हैं, वहीं ठगी का एक और तरीका बैंक अधिकारी बन कर एटीएम कार्ड का नंबर और पासवर्ड हासिल कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। हाल ही में हुई ठगी की वारदातों में यह बात सामने आई है कि फोन के माध्यम से ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले इन साइबर क्रिमिनलों के जाल में शहरी लोग नहीं आ सके, मगर ग्रामीण जरूर इनकी बातों और लालच में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि फोन के माध्यम से कभी बैंक अधिकारी बनकर तो कभी किसी प्रायवेट कंपनी या मोबाइल नेटवर्क कंपनी के अधिकारी बनकर लोगों को फोन कर रुपए बताए गए खातों में जमा कराने के साथ एटीएम कार्ड ब्लॉक होने के नाम पर लोगों से गोपनीय जानकारी हासिल की जा रही है। यह गोरखधंधा काफी लंबे समय से चल रहा है। इस तरह की हाईटेक ठगी के कई मामलों के आवेदन पुलिस थानों में दिए गए, मगर पुलिस भी इन ठगों तक पहुंचने में नाकाम हो रही है, जबकि कई मामलों में फरियादी द्वारा आरोपियों द्वारा उपयोग किए गए फोन नंबरों और बैंक खातों की जानकारी पुलिस को दी गई है, फिर भी पुलिस की साइबर सेल भी हाईटेक ठग गिरोह का खुलासा करने में मददगार साबित नहीं हुई। इन्हीं हालात के चलते गिरोह पैर पसारते जा रहे हैं और आए दिन ठगी की वारदातें सामने आ रही हैं। वहीं ठगाने वाले लोगों में ज्यादा संख्या ग्रामीणों की सामने आ रही है।

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