वैष्णव विद्यापीठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी को छात्रों को डिग्री देने का वैधानिक आधार किस वर्ष से दिया गया!?*
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यूज़ ‍इंदौर 
क्या इंदौर की वैष्णव विद्ध्यपीठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी छात्रों से बहुत कुछ ऐसा छिपा रही है जो किसी भी छात्र के भविष्य और ग्रेजुएट होने के बाद मिलने वाली डिग्री की वैधानिकता पर सवालिया प्रश्न खड़ा कर दे!
UGC इंस्पेक्शन रिपोर्ट UGC वेबसाईट और मध्यप्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटी के आयोग पोर्टल से क्यों नदारद है!
8 जनवरी 2015 को साँवेर उज्जैन रोड पर वैष्णव विद्ध्यपीठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी को शुरू करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार से अनुमति प्रदान की गई.
किसी भी सरकारी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी को छात्रों को ग्रैजुएशन, पोस्ट ग्रैजुएशन की वैधानिक रूप से मान्य डिग्री देने के लिए UGC (University grants commission – new Delhi) से मान्यता और अनुमती पत्र लेना आवश्यक है!
5 मई 2016 को वैष्णव विद्ध्यपीठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी ने UGC दिल्ली को यूनिवर्सिटी का इंस्पेक्शन करने के लिए और मान्यता प्रदान करने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट प्रेषित की.
UGC की तरफ से एक उच्च स्तरीय शैक्षणिक मान्यता प्राप्त विद्वानों की एक कमेटी को गठित किया और 16 जुलाई 2018 को इंदौर स्थित वैष्णव विद्ध्यपीठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी की जांच करने के लिए आए.
UGC एक्सपर्ट कमेटी किसी भी यूनिवर्सिटी को मान्यता देने से पहले यह निरीक्षण करती है की यूनिवर्सिटी मे चलाए जाने वाले कोर्सेज और पाठ्यक्रमों की उनकी वैधानिक निकायों से मान्यता ली है कि नही जैसे इंजिनियरिंग कोर्सेज के लिए AICTE से , कानून की पढ़ाई के लिए BCI (बार काउन्सिल ऑफ इंडिया) से , एग्री कल्चर कोर्सेस के लिए ICAR(भारतीय क्रषी अनुसंधान परिषद) आदि से मान्यता ली है कि नही!
इसके अलावा एक गहन जांच रिपोर्ट, छात्रों के सर्वांगीण विकास, स्किल और कौशल के अलावा एकेडमिक से जुड़े समस्त कोर्स, पाठ्यक्रम, मान्यता प्राप्त प्रोफेसर, रीडर, लेक्चरर की संख्या, लाइब्रेरी, लैब, वर्कशॉप, खेल के मैदान, सुविधाएं के अलावा और भी कई आवश्यक सुविधाओं और जरूरतों से संबंधित तैयार करती है और देखती है कि वो UGC के मानदण्डों और एक उच्च स्तरीय यूनिवर्सिटी के मुताबिक है कि नही तभी किसी भी प्राइवेट या सरकारी यूनिवर्सिटी को मान्यता प्रदान करती है!
छात्रों की जानकारी के लिये यह जानना आवश्यक है कि UGC की एक्सपर्ट कमेटी की टीम ने वैष्णव विद्ध्यपीठ को विजिट करने के बाद यूनिवर्सिटी की मापदंडों और मानदण्डों के अनुरूप नहीं पाया! और तो और खुद वैष्णव प्राइवेट यूनिवर्सिटी के प्रबंधकों ने अपनी कमियों को मंजूर किया!
आज दिनांक तक न तो UGC की और न ही मध्यप्रदेश के प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमिशन के आयोग पोर्टल पर लोड की है!?
29 जून 2015 से वैष्णव विद्ध्यपीठ के कुलपति (VC) जो पिछले 6 साल से आज तक प्राइवेट वैष्णव विद्ध्यपीठ के कुलपति!!???? और पुरुषोत्तम पसारी जो वैष्णव ट्रस्ट के आजन्म अध्यक्ष और वैष्णव विद्ध्यपीठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी के आजीवन कुलाधिपति (chancellor) है!को यह सच छात्रों और अभिभावकों को बताना ही होगा कि UGC इंस्पेक्शन कमेटी की रिपोर्ट का सच और यूनिवर्सिटी की कमियां क्या है!
UGC ने कौन से साल में वैष्णव विद्ध्यपीठ को डिग्री देने के लिए वैधानिक प्राइवेट यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया है! और किस UGC एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दिया है!?

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