• पुलिस कानून की धाराओ को अपनी जागीर न समझे !फर्जी और झूठे मुक़दमे दर्ज करने के आरोप में पुलिस अधिकारी को भेजा जेल !

  • कानून की धाराओ और झूठे एवं फर्जी मुक़दमे को दर्ज करने को अपने बाप की बपोती समझने वाले अय्याश और दुराचारी पुलिस इंस्पेक्टर को आई पी सी की 14 धाराओ ,धारा 323,324,342,211,504,506,354,354a ,354b,354c ,354d 452 120b के अलावा आई .टी एक्ट की धारा 67के तहत जेल भेजा गया !

  • # Fake FIR
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़
यह शर्मनाक और घिनौना अपराधिक कृत्य उत्तरप्रदेश के बस्ती ज़िले में पुलिस सब इंस्पेक्टर (Police sub-inspector)  दीपक सिंह ने अंजाम दिया है जिसे आज गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया ! पुलिस सब इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उसने एक लड़की को जबरजस्ती अपने प्यार के जाल में फ़साने के लिए धमकी दी और जब लड़की ने जब उससे मोहब्बत नहीं की तो उसने लड़की और उसके घर वालों पर 8 फ़र्ज़ी मुक़दमे दर्ज कर दिए. पीड़ित लड़की का आरोप है कि वह 31 मार्च 2020 को लॉकडाउन में घर से अपनी बहन की दवा खरीदने निकली थी तभी सोनूपार पुलिस (Police) चौकी पर तैनात सब इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने उसे रोककर गाड़ी के कागजात मांगे. इस बहाने उसने लड़की को कई घंटों तक बिठा कर रखा, इसके बाद मोबाइल नंबर लेकर छोड़ दिया.पीड़ित लड़की का आरोप है कि उसके बाद सब इंस्पेक्टर दीपक सिंह व्हाट्स अप कॉल कर उसके साथ अश्लील बातें करने लगा. लड़की ने उसे मना किया लेकिन सब इंस्पेक्टर मानने को तैयार नहीं था!
पीड़ित लड़की ने जब सब इंस्पेक्टर (Police sub-inspector) का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया तो उसने लड़की के भाई के पर जानलेवा हमला करने, बंधक बनाने और पिस्तौल छीनने के आरोप में मुकदमा कर दिया. इस तरह एक साल के अंदर इंस्पेक्टर ने लड़की और उसके घर वालों पर आठ फ़र्ज़ी मुक़दमे कायम कर दिए. लड़की का कहना है कि उसकी शादी होनी थी, लेकिन आपराधिक मुक़दमे की वजह से उसकी शादी नहीं हो पाई. उसकी फुफेरी बहन पर भी नामजद मुक़दमे होने की वजह से उसकी पहले से तय शादी टूट गई. लड़की का कहना है किउसका पूरा परिवार खुदकुशी की कगार पर खड़ा है.!
पीड़ित लड़की ने बड़े अधिकारीयो से इसकी शिकायत की तब इस मामले की जांच बस्ती के SP हेमराज मीना ने की और फ़र्ज़ी मुक़दमे करने के मामले में इंस्पेक्टर को क्लीन चिट दे दी!? .लेकिन अनुशासनहीनता में उसे सिर्फ लाइनहाजिर किया गया. बाद में वह बहाल हो गया. मामले की जानकारी राष्ट्रिय महिला आयोग और सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने पर गृह विभाग ने इसकी जांच के लिए चार बड़े अफसरों की एक कमेटी बनाई जिसमें गोरखपुर जोन के एडीजी (ADG) अखिल कुमार, बस्ती के कमिश्नर (commissioner) अनिल कुमार सागर, बस्ती रेंज के आईजी अनिल कुमार राय सुर और बस्ती ज़िले की डीएम सौम्य अग्रवाल शामिल थीं. कमेटी ने अपनी जांच में इंस्पेक्टर दीपक सिंह को दोषी पाया !और उसपर आई पी सी की 14 धाराओ ,धारा 323,324,342,211,504,506,354,354a ,354b,354c ,354d 452 120b के अलावा आई .टी एक्ट की धारा 67के तहत मुकदमा दर्ज किया गया| जिसे आज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है !. इस मामले में इलाके की कोतवाली के इंचार्ज राम पाल और उस वक़्त के सीओ गिरीश सिंह को ससपेंड कर दिया गया है.!
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर

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