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टायरों के निर्यात में आई जबर्दस्त 184 फीसदी की वृद्घि के साथ टायर उद्योग को अप्रैल-मई के दौरान मौजूदा वित्त वर्ष में शानदार वापसी करने में मदद मिली है। वर्ष 2014-15 में 4 फीसदी की गिरावट के मुकाबले इस साल के इन महीनों के दौरान उद्योग में 4 फीसदी तेजी दर्ज की गई है। टायर उद्योग में आई तेजी इसलिए भी महत्वपूूर्ण है कि पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान वर्ष 2014-15 में पहली बार भारतीय टायर उद्योग को गिरावट का सामना करना पड़ा था। आम तौर पर भारतीय टायर उद्योग 520 अरब रुपए के अपने कुल राजस्व का करीब 10 फीसदी निर्यात से जुटाता है। पूरी दुनिया में और खास तौर पर अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में वाहनों की मांग में कमी आने की वजह से कम बिक्री होने के कारण वर्ष 2014-15 में निर्यात में गिरावट देखने को मिली थी । इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक रेडियल टायरों की ओर बढ़ते रुझान का असर भी निर्यात पर पड़ा है क्योंकि भारत मुख्य रूप से क्रॉस प्लाई का निर्यात करता है।

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ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स के हालिया आंकड़ों में भारतीय बाजारों में आयातित टायरों के लिहाज से मजबूत रुझान देखने को मिले हैं। हालांकि अप्रैल-अगस्त के दौरान प्रत्येक श्रेणी के टायरों के आयात में 20 फीसदी तेजी देखने को मिली। इसलिए एक वर्ष के अंतराल के दौरान 4 फीसदी की तेजी को अच्छा माना जा सकता है। पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-मई की अवधि में 13.4 लाख टायरों के निर्यात के मुकाबले इस वर्ष निर्यात 13.9 लाख टायरों का रहा। सबसे खास बात औद्योगिक टायरों की श्रेणी में देखने को मिली, जहां 184 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली। पिछले पांच सालों के दौरान भारत के खराब प्रदर्शन को देखते हुए यह आंकड़ा बहुत ही महत्वपूर्ण है। वर्ष 2013-14 और 2014-15 के दौरान प्रदर्शन काफी बुरा रहा था और इस दौरान 33-35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मात्रा के लिहाज से इन टायरों का निर्यात वर्ष 2014-15 के समान महीनों में 4,550 से बढ़कर 12,905 टायर हो गया। ट्रैक्टर के अगले टायरों का निर्यात 87 फीसदी और पिछले टायरों का निर्यात 73 फीसदी बढ़ गया। स्कूटर, हल्के वाणिज्यिक वाहन और मोटरसाइकलों के टायरों का निर्यात भी बढ़ा है।
गाडिय़ों में गिरावट का रुख
सवारी वाहनों के टायरों के निर्यात में पिछले पांच वर्षों से लगातार तेजी के बाद 12 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2010-11 से वाहन टायर श्रेणी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और सालाना आधार पर इसमें 26.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-मई की अवधि में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। सवारी गाडिय़ों का निर्यात घटकर 3,81,948 पर आ गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 4,35,153 पर था। आंकड़ों के मुताबिक ट्रक और बसों के टायरों के लिहाज से भी 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

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