लोकायुक्त कार्रवाई: ग्वालियर और बड़वानी में एक साथ मारे छापे
ग्वालियर। बड़वानी में गत छह माह पूर्व ही जिला कृषि विकास अधिकारी के पद पर पदोन्नत सर्वेयर एक करोड़ से ज्यादा का आसामी निकला। कृषि कल्याण अधिकारी राजेंद्रकुमार सरल के ग्वालियर व बड़वानी स्थित ठिकाने पर लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की। छापेमारी में उसके, उसकी पत्नी व बेटे के नाम से एक करोड़, 12 लाख, 45 हजार 170 रुपए की चल-अचल संपत्ति मिली। लोकायुक्त के पास इसके भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। फरवरी में लोकायुक्त पुलिस ने खुफिया जांच की, तो प्रथम दृष्टया उसे भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया। 1980 में कृषि विभाग में राजेंद्रकुमार तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में भर्ती हुआ था। इसके बाद 1990 से जनवरी 2014 तक बड़वानी के नर्मदा घाटी विकास परियोजना में सर्वेयर के रूप में प्रतिनियुक्ति पर रहा। इस साल फरवरी में उसकी प्रोन्नति कृषि कल्याण अधिकारी के पद पर हुई।
कई बैंकों में खाते…
बड़वानी के ऑफिसर्स कॉलोनी की तलाशी में तीन लाख रुपए की इन्वेंट्री, 9 लाख कीमत की मारुति अर्टिका, 12 जीवन बीमा पॉलिसियां, कई बैंकों खातों में 2 लाख 14 हजार 880 रुपए, मोपेड वाहन मिले। इस तरह ग्वालियर के ठिकानों से कुल 82 लाख 45 हजार 170 रुपए और बड़वानी से कुल 30 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति छापे में मिली है।
तहसील कार्यालय का बाबू रिश्वत लेते धराया
देपालपुर तहसील कार्यालय में बाबू बांगरसिंह सोलंकी को लोकायुक्त पुलिस ने तीन सौ रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। सोलंकी शा.प्रा. विद्यालय पीर पीपल्या (बेटमा) में सहायक शिक्षक था। उसने अपना अटैचमेंट तहसील कार्यालय में करवा लिया था। वहां वह वोटर आईडी कार्ड बनाने का काम करता था। देपालपुर निवासी जानकीलाल शर्मा ने लोकायुक्त एसपी इंदौर वीरेंद्र सिंह से शिकायत की थी कि सोलंकी ने वोटर आईडी कार्ड बनाने के 300 रुपए लिए। वह 300 रुपए और मांग रहा है। योजना के तहत फरियादी ने जैसे ही उसे 300 रुपए दिए, लोकायुक्त डीएसपी बीएस परिहार के नेतृत्व में टीम ने उसे पकड़ लिया।