सोशल साइट्स पर तिरंगे का अपमान, हो सकती है तीन साल की सजा या जुर्माना
इस प्रकार बना रहे हैं प्रोफाइल पिक्स, जो कि गलत है
इंदौर। 15 अगस्त को भारत का 68वां स्वतंत्रता दिवस है। सारा देश इसके जश्न की तैयारियों में व्यस्त है। सोशल साइट्स से लेकर हर तरफ स्वतंत्रता दिवस की झलक दिख रही है। इन तैयारियों के बीच हमें पता भी नहीं चलता और कई बार अनजाने में अपने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर बैठते हैं। हजारों लोगों ने तिरंगे को अपनी प्रोफाइल पिक्चर में लगा लिया है। किसी ने आंख में दिखते तिरंगे झंडे को किसी ने दिल के रूप में तिरंगे को अपनी प्रोफाइल में लगाया है। यह प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट ऑफ नेशनल फ्लैग एक्ट 1971 और आईटी एक्ट 2000 का उल्लंघन है। राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की पहचान है। राष्ट्रीय ध्वज का इस तरह से अनादर करने के मामले में तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
राष्ट्रीय गौरव के सम्मान के लिए बनाया गया है कानून

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हर भारतीय का यह कत्र्तव्य है कि वह भारतीय तिरंगे को पूरा सम्मान दे। कोई भी व्यक्ति तिरंगे की गरिमा को धूमिल न करे, इसके लिए भारतीय कानून में कुछ धाराएं बनाई गई हैं। अधिनियम 1971 के तहत राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण की बात कही गई है। यह अधिनियम राष्ट्रीय प्रतीकों, ध्वज, मानचित्र, संविधान और राष्ट्रगान के प्रति किसी भी प्रकार के अपमान पर प्रतिबंध लगाता है। इस अधिनियम के उपबंधों का भी कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। अधिनियम 1971 की धारा 2 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, दूषित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या अन्यथा उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या मौखिक या लिखित शब्दों में अपमान करता है, तो उसे तीन वर्ष के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
2002 में बदले थे कुछ नियम

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सन् 2002 के पहले आम जनता राष्ट्रीय दिवस को छोड़ किसी और दिन इसे किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं लगा सकती थी। सिर्फ सरकारी कार्यालयों में ही इसे लगाया जा सकता था। सन् 2002 में भारत के जाने-माने उद्योगपति नवीन जिंदल ने अपने कार्यालय के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज लगाया था, जिसके लिए उन्हें सूचित किया गया कि उन्हें ऐसा करने पर क़ानूनी कार्रवाई से गुजरना होगा। इसके विरोध में उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका इस बाबत दायर की कि भारत की आम जनता को सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज लहराने और उसे प्यार देने का नागरिक अधिकार है। यह मामला उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय में गया और न्यायालय ने भारत सरकार को इस मामले पर विचार करने के लिए एक कमेटी बिठाने की सलाह दी। अंत में भारतीय मंत्रालय ने एक संवैधानिक संशोधन कर सभी भारतवासियों को साल के 365 दिन राष्ट्रध्वज सम्मान के साथ लगाने का अधिकार दिया।
नहीं कर सकते तिरंगे का किसी भी तरह अनादर
तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। इसका कोई भी अनादर नहीं कर सकता है। ऐसा कोई भी कार्य जिससे राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा खंडित होती है, अपराध की श्रेणी में आता है। सोशल साइट्स पर प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगा लगाना, वाहनों पर तिरंगा लगाना, मंच के पीछे तिरंगे को प्रतीक स्वरूप लगाना, प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट ऑफ नेशनल फ्लैग एक्ट 1971 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। सोशल साइट्स पर तिरंगे को प्रोफाइल पिक्चर में लगाने या अन्य किसी तरह से इसका अनादर आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 124-ए के तहत भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए भी अलग से तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
इंडिपेंडेंस वीक के नाम पर हो रहा तिरंगे का अपमान

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वाट्स ऐप, फेसबुक और तमाम तरह की सोशल साइट्स पर स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में इंडिपेंडेंस वीक के नाम पर अनजाने में तिरंगे का अपमान किया जा रहा है। दरअसल 1971 अधिनियम के मुताबिक तिरंगे को हवा में लहराया जा सकता है, लेकिन उसका अन्य किसी प्रकार से इस्तेमाल करना गलत है। तमाम सोशल साइट्स पर प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगे की तस्वीर लगाई जा रही है, तिरंगे के साथ कई तरह की आपत्तिजनक सामग्री शेयर की जा रही है, जो असल में तिरंगे का अपमान है।
अधिनियम 1971 का नियम 69 और फ्लैग कोड 2002 के मुताबिक ये कुछ चीजें हैं जो आप नहीं कर सकते हैं-

  • तिरंगे को किसी भी प्रकार से पोशाक या किसी यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाना या तिरंगे के रंग का किसी प्रकार के एक्सेसरीज में इस्तेमाल करना।
  • तिरंगे पर कुछ भी लिखना या कोई निशान लगाना।
  • झंडा पहराने से पहले फूलों को उसमें लपेटने के अलावा राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किसी भी सामान को लपेटने या लाने ले जाने में करना।
  • राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किसी भी स्मारक या समाधि को कवर करना।
  • जान-बूझकर तिरंगे को जमीन या पानी में झुकने देना। तिरंगा हमेशा ऊंचा उठा रहना चाहिए।
  • किसी भी वाहन, ट्रेन, नाव, जहाज या विमान में तिरंगे को सजाना। अकसर लोग अपनी गाडिय़ों पर तिरंगा लगाते हैं। यह गलत है।
  • किसी भी बिल्डिंग या इमारत को तिरंगे से कवर करना।
  • जान-बूझकर तिरंगे को उलटा कर के लगाना, जिससे कि उसका केसरिया रंग नीचे की ओर हो।
One thought on “अब सहन नहीं होगा तिरंगे का अपमान”
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