हाईकोर्ट गए थे कुख्यात भू माफियाओं की जमानत निरस्त करवाने! 4 महीने बाद आदेश मिला पहले कमेटी के सामने जाओ!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
इंदौर हाईकोर्ट की सिंगलबेंच के माननीय जज श्रीं सुबोध अभ्यंकर जी ने इन्दौर के बहुचर्चित कुख्यात भू माफियाओं की कुल 96 याचिकाओं ( 80MCRC, 13CRR, 3रिट पिटिशन ) पर दिनांक 1 मई 2023 को MCRC 10888 दिनांक 2019 की याचिका पर भू माफियाओं की जमानत निरस्त न करते हुए उन्हें एक मौका और दिया है कि वो पीड़ित प्लॉट मालिकों को या तो प्लॉट दे दे या उनके पैसे या मुआवजा दे दे!
दरअसल पिछले तकरीबन एक दशक से कुख्यात भू माफियाओ की कालोनियों मे प्लॉट के पैसे जमा करने के बावजूद आज दिनांक तक प्लॉट और पैसे वापस न मिलने की वजह से थाने से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने वाले पीड़ितों ने, हाईकोर्ट में कुख्यात भू माफियाओं की जमानत निरस्त करने की याचिका इस निवेदन के साथ दर्ज की थी कि इन कुख्यात भू माफियाओं ने सुप्रीम कोर्ट से पीड़ितों को प्लॉट या मुआवजा दे देंगे का वादा कर जमानत के निर्देश लाए थे उसका पालन नहीं किया गया है!
हाईकोर्ट ने भू माफियाओं की जमानत निरस्त न करते हुए एक रिटायर्ड जज के अधीन एक कमेटी गठित कर दी जो यह देखेगी की भू माफिया चंपू अजमेरा, नीलेश अजमेरा, चिराग शाह, हैप्पी धवन निकुल कापसी और महावीर जैन ने पीड़ित प्लॉट मालिकों को प्लॉट दिया कि नही!
इस कमेटी को यह पता करना है कि कितने कुल पीड़ित है! पीड़ितों को प्लॉट या उसका मुआवजा आरोपी भू माफियाओं द्वारा दिया है कि नहीं !? इसकी लिस्ट बनानी है! लेकिन कितने दिन में कमेटी अपना काम पूरा करेगी इसकी कोई समय सीमा का निर्धारण हाईकोर्ट द्वारा नहीं किया गया है!
जिन रिटायर्ड हाई कोर्ट जज माननीय आई एस श्री वास्तव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है उन्हें, 50 हजार रुपए मेहनताना 14 दिन के अंदर राज्य सरकार को देना है!
आरोपी चंपू अजमेरा का आरोपी भाई नीलेश अजमेरा जो कि कई दिनों से फरार है! वह हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद 1 मई को हाईकोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ था! क्योंकि उसे डर था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी! उसे भी माननीय हाईकोर्ट ने रिलीफ देते हुए पुलिस को आदेश दिया कि अभी उसे अगली तारीख 21 जून तक गिरफ्तार न किया जाए!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर

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