- प्रशासन के जिम्मेदार महकमें इंदौर को राष्ट्रीय स्तर पर शर्मशार करने में भी पीछे नहीं है!
- शहर के नागरिक निरंकुशता, अराजकता, मुनाफाखोरी, भय और भ्रष्टाचार के साये में जिंदगी गुजारने को बेबस और मजबूर हैं!
- जनप्रतिनिधि, विधायक और सांसद शहर की जनता के आर्थिक शोषण के दावानल में अपनी रोटी सेंकने में मशगुल है
@ प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर
इंदौर। बीते 1-2 वर्षों में इंदौर नगर निगम, पुलिस विभाग और एमवाय अस्पताल के कर्मचारियों ने कई बार मानवता को शर्मशार करती ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया है की उनकी गूंज राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दी है! एक और जहां इंदौर शहर पूरे देश में स्वछता में अव्वल आने में हर साल नए प्रतिमान गढ़ रहा है! वही सरकारी प्रशासनिक सिस्टम की निरंकुशता एवं अराजकता की वजह से उपजे अमानवीय व्यवहार और कृत्य से भी इंदौर की नकारात्मक पहचान पूरे देश में बनाने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे है!
कल परदेशीपुरा इलाके में मंगलवार को मास्क न लगाने की बात पर दो पुलिस जवानों ने एक ऑटो रिक्शा चालक कृष्णकांत को रोका और कार्रवाई की तो विवाद हो गया। जवानों ने उसे घेरकर सड़क पर पटका और बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान उसका 11 साल का बेटा पिता को छोडऩे के लिए गिड़गिड़ाता रहा, फिर भी दोनों जवान नहीं माने। दोनों पुलिस वालों की इस हरकत का वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद हंगामा मच गया।
इसके पहले हरभजन सिंह हनी ट्रैप मामले से चर्चा में आए इंदौर निगम में पदस्थ सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह जो सरकारी पद पर रहते हुए वैश्यावृति जैसे कामो में लिप्त था! इस इंदौर नगर निगम के इंजीनियर ने भी शहर को, राज्य को और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में आज तक कोई कसर नहीं छोड़ी है!
इसके अलावा कुछ महीनों पहले इंदौर नगर निगम का शर्मनाक चेहरा तब सामने आया था, जब नगर निगमकर्मियों ने कमजोर बुजुर्गों को एक कचरे वाली गाड़ी में जानवरों की तरह भरकर इंदौर-देवास हाईवे पर शिप्रा नदी किनारे ले जाकर फेंक दिया। इंदौर नगर निगम की इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद हंगामा मच गया।
टाटपट्टी बाखल में कोरोना वायरस के संदिग्ध के रिकॉर्ड सत्यापन को पहुंची स्वास्थ्य विभाग और निगमकर्मियों की टीम पर भीड़ ने पथराव किया। भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने करीब 200 महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की आड़ में 7 लोगों की टीम पर हमला कर दिया। स्वास्थ्य और निगमकर्मियों की टीम जान बचाकर पुलिस के पास पहुंची। इस घटना के विडियो ने भी इंदौर की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर पहुचाई थी!
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश ने निगम के दो अधिकारियों को बैट से पीटा था। निगम का अमला गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान को तोडऩे पहुंचा था। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने आकाश को बुला लिया। आकाश के समर्थकों ने भी अधिकारियों को पीटा। आकाश इंदौर-3 सीट से भाजपा विधायक हैं। पुलिस ने आकाश को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जहा से उन्हें जेल भेज दिया गया था! इस घटना के विडियो ने भी राष्ट्रीय स्तर पर इंदौर की पहचान स्थापित की थी!
इसके अलावा और भी ऐसी कई घटनाएं हंै जिनसे मानवता शर्मसार हुई है! इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय यूं तो अपनी बदइंतजामी के लिए काफी बदनाम है! लेकिन हद तो पिछले दिनों तब हुई, जब मुर्दा घर में लडकियों के साथ अय्याशी करते हुए कर्मचारी पकडाए! इसके अलावा निगम की पीली गैंग के नाम से कुख्यात निगम कर्मचारीयों का गरीब ठेले वालों, सब्जी वालों और आम नागरिकों के साथ हिंदी फिल्मों के खलनायकों की सड़क छाप गैंग की तरह हो रहा है!
@ प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर