@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर 

यदि इंदौर नगर निगम और सरकार में हिम्मत है तो?

बंगाली चौराहे से कनाड़िया रोड पर भू माफियाओं कि अवैध रजिस्ट्री और नामांतरण को रद्द करवाकर मेहनत से अपना पेट पालने वाले फल, सब्जी और स्टॉल लगाने वालों को जमीन का टुकड़ा आवंटित कर दे।

कल इंदौर नगर निगम ने बंगाली चौराहे से कनाड़िया रोड पर गरीब सब्जी, फल और छोटे मोटे कारोबार करने वाले को अतिक्रमण के नाम पर नेस्तनाबूद कर दिया!

यदि इंदौर नगर निगम में है हिम्मत?? तो बंगाली चौराहे और भंडारी रिसोर्ट के पास की शराब की दुकान को हटाकर बताए जिससे सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम होता हैं।

डायमंड कॉलोनी की 2.645 हेक्टेयर तकरीबन 6.5 एकड़ जमीन जो संयम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से भू माफिया संघवी और कुख्यात दीपक मद्दा ने अवैध रजिस्ट्री और अवैध नामांतरण से करवा रखी हैं को रद्द करवाकर, उस जमीन पर सब्जी, फल बेचने वालों को जगह आवंटित की जाए। 

आखिर उनको भी परिवार चलाना है, और बच्चों को मेहनत की कमाई से पालना और उनकी परवरिश करनी है। उनके पास न तो भ्रष्टाचार की कमाई है और न ही हराम की और न हीं रिश्वत और दलाली की।

मध्यप्रदेश सरकार हर महीने 1500 करोड़ रूपए लाड़ली बहना के नाम से गरीब महिलाओं को दे रही हैं, इससे अच्छा तो यह होता कि उन्हें फल, सब्जी और छोटे मोटे व्यवसाय जो वो सड़क किनारे या ठेले पर रखकर बेचते है ,के लिए 10 बाय 7 की जमीन का पट्टा आवंटित कर दुकान दे देते इसी 1500 करोड़ रूपए हर महीने के बजट से , तो उन्हें व उनके पूरे परिवार को रोजगार मिल जाता जिससे वो तकरीबन 20 से 30 हजार रुपए हर महीने कमा लेते। 

सिर्फ इंदौर शहर में यदि 1 लाख महिलाओं के खाते में 1500 रूपये हर महीने डाले जाते है तो तकरीबन 15 करोड़ रूपए हर महीने सरकार लाडली बहना के नाम पर स्वाहा कर रही हैं।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

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