@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
700 करोड़ रुपए के हाई राइड बिल्डिंग प्रोजेक्ट पर जमीन मालिक को पूरा पैसा नहीं दिया! टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और इंदौर नगर निगम में झूठे शपथ पत्र लगाकर ली विकास की अनुमति!!
जमीन मालिक ने टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग, रेरा भोपाल, पर्यावरण विभाग और इंदौर नगर निगम में दर्ज करवाई शिकायत और आपत्ति। अखबारों मे जाहिर सूचना जारी कर निवेशकों और ग्राहकों को किया सावधान। प्रोजेक्ट विवादास्पद है और न्यायालय में चल रहा हैं जमीन पर केस।
बिना जमीन मालिक से सहमति पत्र लिए ! कैसे टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग नक्शा पास कर देता है? वहीं दूसरी तरफ़ इंदौर नगर निगम बिना जमीन मालिक से NOC लिए विकास की अनुमति जारी कर देता है। जबकि उन्हें इस बात की जानकारी होती हैं कि जमीन की रजिस्ट्री पोस्ट डेटेड चेक के माध्यम से हुई है? पोस्ट डेटेड चेक दे कर, सस्ते मे जमीन खरीद कर, बाद मे चेक कैश नहीं करवाते है और सालों तक जमीन मालिक को दर दर की ठोकरे खिलवाते है। और कई साल गुजर जाने के बाद जब जमीन की कीमत दुगुनी – चौगुनी हो जाती है तब कहते है कि, जिस भाव से सौदा हुआ उस भाव या उस से कम ले लो और चुप हो जाओ! ये कैसा जंगल का कानून और राज है?
इसी वजह से रियल एस्टेट व्यवसाय में भू माफिया पैदा होते है! ग्राहकों और जमीन मालिकों के साथ होती हैं धोखाधड़ी।
अप्रैल 2019 में हैदराबाद की कंपनी एम पी एम होम्स डेवलपर्स जिसके मालिक गिरीश मालपानी ने इंदौर मे बैग्स कारोबारी अपने साले प्रतीक महेश्वरी के साथ मिलकर बिचौली हप्सी पटवारी हल्का नंबर 53 के सर्वे नंबर 447/2, 448/1/1/2, 448/1/2, 448/2/1/2, 453/1/1/3, 453/1/1/2 की 2.409 हेक्टेयर जमीन का सौदा अमरजोत डेवलपर्स एंड फायनेंस प्रालि से किया। यह सौदा 9.92 करोड़ रुपए में हुआ।
इसमें 5.09 करोड़ रुपए का भुगतान गिरीश मालपानी ने कर दिया और बाकी 2.41 और 2.41 करोड़ के दो पोस्ट डेटेड चेक अमरजोत कंपनी को दिए गए, जिनकी भुगतान तिथि अगस्त और नवंबर 2019 थी। इन पोस्ट डेटेड चेक के आधार पर रजिस्ट्री हो गई। लेकिन इसके बाद कंपनी ने बाकी राशि का भुगतान नहीं किया।
इसके चलते कंपनी ने परेशान होकर रजिस्ट्री निरस्त कराने के लिए जिला कोर्ट की शरण ली और अक्टूबर 2023 में कोर्ट केस दर्ज किया। इस केस में एमपीएम होम्स ने जवाब दिया कि जमीन सौदे की शर्तों के अनुसार कोई विवाद होने पर आर्बिट्रेशन में मामला जाना चाहिए। इसके बाद केस आर्बिट्रेशन में गया और अब आर्बिट्रेशन ने दोनों पक्षों को यथास्थिति का आदेश देते हुए जमीन विक्रेता को राहत दी है। जिला न्यायालय में भी रजिस्ट्री रद्द केस चल रहा हैं।
लेकिन एम पी एम होम्स ने उपरोक्त केसों की जानकारी छुपाकर और उपरोक्त जमीन को लेकर कोई न्यायालयीन कार्रवाई किसी भी न्यायालय मे नहीं चल रही है। इस बात का झूठा शपथ पत्र देकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और इंदौर नगर निगम से विकास अनुमति प्राप्त कर ली!!
बिना राज्य सरकार के रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) और मप्र स्टेट एनवायरनमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी (ईपीसीओ) से प्रोजेक्ट की मंजूरी लिए बिना मौके पर काम भी शुरू कर दिया है। जो सीधे सीधे कानून का उल्लंघन है।
उपरोक्त सभी विसंगतियों, विवादों और न्यायालयीन प्रकरणों के बावजूद आरोपी कंपनी एमपीएम होम्स ने ब्रोशर छपवा लिए और प्रोजेक्ट की बुकिंग भी शुरु कर दी है।
बिचौली हॉप्सी, बायपास मेन रोड पर स्थित उपरोक्त जमीन पर 700 करोड़ रुपए के ग्रुप ऑफ हाईराइज बिल्डिंग प्रोजेक्ट को एम पी एम होम्स हैदराबाद के गिरीश मालपानी अपने साले प्रतीक महेश्वरी, सास अन्नपूर्णा माहेश्वरी और पत्नी श्रुति महेश्वरी मालपानी के साथ साथ एम पी एम होम्स डेवलपर्स नाम की कम्पनी मुसाखेड़ी स्थित मयूर नगर के पते पर रजिस्टर्ड कराकर कर रहे हैं।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर