@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज़ इंदौर (Rediscvoerindianews.com)
आज हम आपको बताएंगे कि सोना Gold खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें। आपका सोना कितना शुद्ध है। सोना Gold खरीदते वक्त उसकी क्वॉलिटी पर जरूर गौर करें।
कैरेट है सोने Gold की शुद्धता का पैमाना
*कैरेट सोने Gold की शुद्धता मापने की यूनिट है। जब आपको कोई सुनार, दुकानदार या शोरूम यह बताता है कि फलां आभूषण 24,22,18,14,9 …आदि कैरेट का खरा सोना है, तो आइए हम आपको बताते हैं, इसका मतलब क्या है।*
सबसे पहले आप यह जान लें कि…
• 1 कैरेट का मतलब 1/24 प्रतिशत शुद्ध सोना Gold।
• इस तरह 24 कैरेट का मतलब =100% सोना Gold।
• २२ कैरेट का मतलब =91.69% शुद्ध सोना Gold।
• 18 कैरेट का मतलब =75%शुद्ध सोना Gold।
• 14 कैरेट का मतलब = 58.3% शुद्ध सोना Gold।
• 9कैरेट का मतलब = 37.5% शुद्ध सोना Gold।*
*24 कैरेट सोने Gold को सबसे शुद्ध माना जाता है, लेकिन इससे ज्वेलरी नहीं बनती। ज्वेलरी 22 कैरेट, 20 कैरेट या 18 कैरेट सोने Gold से बनती है।*
*इसलिए जब आप ज्वेलरी के लिए सोना Gold खरीदें, तो तय कर लें कि आप कितने कैरेट का सोना Gold खरीद रहे हैं. और उसी का पैसा भी दें। कही ऐसा न हो की आप खरीदते हैं 22 कैरेट का सोना Gold और पैसा देते हैं 24 कैरेट सोने Gold का। अब यदि आपको ज्वेलर यह बताता है कि आपका आभूषण 22 कैरेट सोने Gold का है, तो इसका मतलब आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने Gold की शुद्धता 91.66 फीसदी है तो आपको इतने प्रतिशत शुद्ध सोने Gold की कीमत चुकानी है ।*
*यदि आज का 24 कैरेट सोने Gold का रेट 51800 है और आप 22 कैरेट सोने Gold से बनी ज्वेलरी खरीदते हैं। तो शुद्ध सोने Gold का दाम (51800/24)x22=47483 रुपए होगा। ऐसे ही 18 कैरेट गोल्ड की कीमत भी तय होगी। (51800/24) x 18=38850 रुपए होगा।*
इस तरह गोल्ड ज्वेलरी 22 या 18 कैरेट के सोने Gold से बनती हैं। यानी 22 कैरेट सोने के साथ 2 कैरेट अन्य मेटल मिक्स किया जाता है। वहीं, 18 कैरेट सोने Gold के साथ 6 कैरेट अन्य मटैरियल मिक्स किया जाता है।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड (बीआईएएस) के गोल्ड सर्वे के मुताबिक 90 फीसदी गहनों में घोषित मात्रा से कम सोना मिलता है। औसतन यह मिलावट 10 फीसदी से ज्यादा होती हैं।
हॉलमार्क (Hall mark) लाइसेंस लेने वाले कुछ ज्वेलर्स ही सही मायने में हालमार्किंग (Hall mark) गहनों की बिक्री कर रहे हैं।
बहुत से निर्माता खुदरा व्यापारी छोटे कारखानों से काम करवाते हैं। सस्ते श्रमिक की अधिकता हैं, क्योंकि परम्परागत स्वर्णाभूषण ज्यादातर पूर्णतया हाथ से बनाए जाते हैं और इससे स्वर्ण के कैरेट की गुणवत्ता पर नियंत्रण प्राप्त करना मुश्किल होता है।
ग्राहक ज्यादातर आभूषण बनाने के लिए शुध्द सोने Gold में मिलाई जाने वाली मेटल की गुणवत्ता का शिकार होता है।
उदारण के लिए खरीदार को यह बताया जाता है कि उसने 22 कैरेट का सोना Gold खरीदा है। जब वह इसे बेचने या गिरवी रखता है, तो उसे पता चलता है कि वास्तव में सोना Gold 18 कैरेट का है।
भारत में उच्च कैरेट के स्वर्ण आभूषण पर बल दिया जाता है और उच्च कैरेट के टांके के अभाव से भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। परम्परागत हस्तशिल्प के 22 कैरेट के नमूनों में कई टांकों के जोड़ होते हैं और कम कैरेट के मिश्रधातु के टांके का अर्थ है गंभीर स्तर पर कैरेट का कम होना।
अत: आप जब भी सोने Gold के आभूषण खरीदने जाएं, तो शुद्ध सोने Gold का भाव + प्रति ग्राम लेबर चार्जेस का अलग-अलग भाव जरूर पूछें।
@ प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज़ इंदौर (Rediscvoerindianews.com)

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *