@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

एक ब्लेकमेलर के छल, कूटरचित और षड्यंत्र आधारित आवेदन पर EOW द्वारा किसके दवाब में आकर LNCT ग्रुप के इंदौर स्थित आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी के संचालकों पर 200 करोड़ रुपए की मनगढ़ंत धोखाधड़ी की ऍफ़ आई आर दर्ज की गई?

 

पिछले कई दिनों से मध्यप्रदेश के सभी अखबारों, इलेट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में इंदौर स्थित आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी में LNCT ग्रुप के चौकसे परिवार द्वारा 200 करोड़ रुपए की हेरा फेरी और गंभीर आर्थिक गड़बड़ियों को अंजाम देने के आरोप में राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो EOW भोपाल के द्वारा ऍफ़ आई आर दर्ज की गई है? EOW के अधिकारियों ने छापा मारा? संचालकों पर शिकंजा कसा ?आदि आदि,?प्रमुखता से प्रकाशित की जा रही हैं !

और उपरोक्त खबरों को प्रकाशित करने का आधार है तारीख 2 सितंबर 2025 को शिकायतकर्ता ब्लैकमेलर विजय नगर इंदौर निवासी अनिल पिता शांतिलाल संघवी के आवेदन पर दिनांक 9 सितंबर 2025 को राज्य आर्थिक अपराध EOW भोपाल द्वारा दर्ज की गई ऍफ़ आई आर। 9 सितम्बर 2025 को को यह ऍफ़ आई आर शून्य प्रकरण क्रमांक/2025 के तहत भोपाल से सीधे दर्ज कर इंदौर EOW ऑफिस को विधिवत दर्ज कर जांच के लिए भेजी गई!

यहां पर सबसे खास ध्यान देने की बात यह है कि इसी शिकायतकर्ता अनिल संघवी की संस्था में गबन और धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत क्रमांक 303/2024 पर 3 – 4 महीने गहन जांच के बाद दिनांक 21 मई 2025 को EOW भोपाल द्वारा कोई अनियमितता और सबूत न प्रस्तुत किए जाने के अभाव में EOW भोपाल द्वारा शिकायत को नस्तीबद्ध कर खात्मा प्रस्तुत किया था।

चूंकि 5 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सोसायटी के चुनाव कराकर LNCT ग्रुप के जयनारायण चौकसे ग्रुप को आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी की कमान सौंप दी गई। इस हार से परेशान होकर ब्लैकमेलर और दरिद्र अनिल संघवी ने दिनांक 2 जून 2025 को सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की जिसमें उपरोक्त आर्थिक अनियमितता और गड़बड़ी का उल्लेख किया है, और जो आज दिनांक तक विचाराधीन हैं।

जब पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं,तो राज्य आर्थिक अपराध शाखा भोपाल ने 9 /9/025 को तथाकथित ब्लैकमेलर अनिल संघवी के दिनांक 2/9/2025 के आवेदन पर किस आधार और किसके दवाब में ऍफ़ आई आर दर्ज कर ली? जबकि पूर्व में दिनांक 21/5/2025 को इसी ब्लैकमेलर अनिल संघवी के आवेदन पर इन्हीं आरोपों को अमान्य करते हुए मामले का खात्मा प्रस्तुत कर दिया था!

रही बात 200 करोड़ की गबन और आर्थिक अनियमितता की तो यह पूरी तरह से फर्जी और बेबुनियाद आरोप है। खुद LNCT group ने 200 करोड़ की बैंक को गारेंटी देकर दिवालिया हो चुकी आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी इंदौर को ब्लैकमेलरो के चंगुल से बचाया था। 

EOW की पूरी ऍफ़ आई आर में कही भी 200 करोड़ का जिक्र नहीं है फिर मीडिया किस आधार पर 200 करोड़ की आर्थिक अनियमितता की खबर प्रकाशित कर रहा हैं यह समझ से परे है?

अगली खबर में ब्लैक मेलर अनिल संघवी का षड्यंत्र, कोर्ट के आदेश पर एडहॉक कमेटी के द्वारा नियुक्त ऑडिट कंपनियों का सच। इंतजार करे।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

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