@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
विधायक गोलू शुक्ला की बसे किसी को भी मार सकती हैं! कोई न तो कुछ बिगाड़ पाएगा और न ही कुछ उखाड़ पाएगा!

जब न्यायपालिका अंधी और बहरी भी हो! जूडिशल माइन्ड की जगह स्वविवेक से फैसले करे? तो पुलिस क्या कर लेगी? और कानून क्या बिगाड़ लेगा? या न्यायालय क्या उखाड़ लेगा? और सबसे महत्वपूर्ण और चिंताजनक बात यह है कि जब देश में कानून और न्याय जनता का चुनावी मुद्दा कभी रहा ही नहीं ? तो देश की जनता को भी किसी धनवान, बाहुबली, राजनैतिक रूप से सशक्त व्यक्ति या परिवार को दोष देना का अधिकार ही नहीं हैं?
मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच से विधायक गोलू शुक्ला को “गोलू भैया” कहते है।
बुधवार 17 तारीख की देर रात इंदौर में भाजपा विधायक ‘गोलू’ शुक्ला के परिवार के ट्रेवल्स की एक बस ने देर रात एक बाइक को टक्कर मार दी, जिससे बाइक सवार एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। यह हादसा इंदौर-उज्जैन मार्ग पर हुआ।
मृतकों में पति,पत्नी और उनके दो बच्चे जिसमे एक की उम्र 15 साल और दूसरे की 10 साल है।
विधायक गोलू शुक्ला के नाम “गोलू” लिखीं बसों के लिए यह कोई पहला एक्सीडेंट नहीं हैं, इस तरह के एक्सीडेंट उनकी बसी से हर साल होते रहते है! तकरीबन 50 60 “गोलू” लिखीं बसे रोज इंदौर उज्जैन के फेरे लगाती है।
इसी तरह का एक भयानक और लोमहर्षक एक्सीडेंट मात्र 2 साल पहले 2 मई 2023 को, शाम 6 बजे बाणगंगा पुल के नीचे इन्ही गोलू शुक्ला परिवार की एक क्रेन के ड्राइवर अनीश के द्वारा क्रेन को तेजगति से चलाकर, दो बाइक पर जा रहे 4 लोगों को टक्कर मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस दुर्घटना की बाणगंगा थाने ने IPC की धारा 304 ए और मोटर व्हीकल एक्ट की गंभीर धाराओ में FIR दर्ज की थी। और पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट, IPC की धारा 304 के तहत पेश की थी! जिसका प्रकरण अभी भी न्यायालय में ट्रायल के लिए लंबित हैं!
बड़े आश्चर्य की बात है कि उपरोक्त क्रेन विधायक गोलू शुक्ला के परिवार की वरिष्ठ सम्माननीय महिला के नाम से थीं! क्रेन को बिना अनुमति के शहर में चलाया जा रहा था! RTO कार्यालय में इस क्रेन का रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया गया था! और न ही उक्त क्रेन का कभी कोई टैक्स भी भरा गया था! उक्त क्रेन को पूरी तरह से अवैध रूप से चलाया जा रहा था? इस वज़ह से पुलिस ने गोलू शुक्ला परिवार की सम्माननीय वरिष्ठ महिला को भी आरोपी बनाया था। चूंकि पुलिस ने चार्ज शीट 10 साल की जेल और जुर्माने तक की धाराओं में चालान न्यायालय में पेश किया था, और शुक्ला परिवार की वरिष्ठ सम्मानीय महिला को भी आरोपी बनाया था,इसलिए एक्सीडेंट के 7 महीने बाद इंदौर सेशन न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया गया।
पुलिस की चार्जशीट मे बिना RTO रजिस्ट्रेशन, RTO राजस्व की चोरी, अवैध तरीके से शहर में चलाने जैसे गंभीर अपराध के अलावा इसी क्रेन से तेज गति और लापरवाही पूर्वक 4 लोगों की जान लेने के गंभीर आरोपों के बावजूद इंदौर सेशन न्यायालय के NDPS एक्ट विशेष न्यायाधीश ने मात्र 50 हज़ार रुपए की जमानत पर जमानत दे दी!
सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इतना धनाढ्य और राजनैतिक रूप से सशक्त परिवार अपने परिवार की सबसे सम्मानित वरिष्ठ महिला के नाम का भा इस्तेमाल अवैध तरीके से पैसा कमाने के लिए करता हैं?
दूसरा इससे ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल न्यायपालिका से क्या हर उस क्रेन या बस मालिक को भी इस तरह से बिना रजिस्ट्रेशन, बिना अनुमति के क्रेन या बस से एक्सीडेंट कर 4 निर्दोष आदमी को मौत के घाट उतारने के बाद इन्हीं उपरोक्त धाराओं में मात्र 50 हज़ार की जमानत पर अग्रिम जमानत दे देंगे?
इंदौर उज्जैन रोड पर इंदौर से उज्जैन जाने वाली प्राइवेट बसों में विधायक गोलू शुक्ला की बसों का एक छत्र राज्य है। और यह एक छत्र राज्य गोलू शुक्ला के विधायक बनने से भी बहुत पहले से चला रहा है। गोलू शुक्ला को तो विद्यायक बने मात्र 1 साल और कुछ महीने ही हुए है। गोलू शुक्ला इंदौर के सबसे धनाढ्य, बाहुबली, दबंग बाणगंगा के कद्दावर भाजपा नेता विष्णुप्रसाद शुक्ला के भतीजे और पूर्व कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के चचेरे भाई है।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर