@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले में इंदौर लोकायुक्त पुलिस की जांच संदेह के घेरे में? इंदौर के सभी आरोपी कॉलेज संचालकों को मिली अग्रिम जमानत!

अरबों रुपये के छात्रवृत्ति गबन घोटाले की जांच CBI और ED से करवाना आवश्यक हैं, तभी इस घोटाले का पूरा खुलासा और शिक्षा के नाम से सरकारी छात्रवृत्ति को गबन करने के पूरे अपराधिक षड्यंत्र का खुलासा होगा। 

इंदौर हाईकोर्ट में छात्रवृत्ति घोटाले के इस संगठित अपराध और करोड़ों अरबों रुपए के सरकारी गबन के पैसों से किए गए निवेश पर CBI और ED में ऍफ़ आई आर दर्ज करवाने के लिए शिकायत कर्ताओं को रिट पिटिशन दायर करना अति आवश्यक हैं।

राज्य और केंद्र सरकार द्वारा SC, ST और OBC छात्रों को दी जाने वाली करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति के गबन के केस में लोकायुक्त पुलिस द्वारा 10 सालों में की गई जांच और न्यायालय में पेश किए गए चालान गंभीर सवालों के घेरे में है।

छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपों की प्रकृति, मामले की गंभीरता को लोकायुक्त पुलिस द्वारा न तो जांच में और न हीं न्यायालय में पेश किए गए चालान में गंभीरता से लिया? और न ही जमानत के समय कोई ठोस दलील, तर्क और सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत जमानत खारिज करने का लिए रखे और दिए? सिर्फ मौखिक बहस की गई?

आरोपी कॉलेजों के संचालकों और मालिकों से कोई रिकॉर्ड जब्त नहीं किया गया? सैकड़ों छात्रों के बैंक एकाउंट एक ही बैंक में कैसे खोले गए? छात्रों को एकाउंट पेई चेक क्यों नहीं दिए गए? किन बैंकों में एकाउंट खोले गए? कॉलेजों द्वारा कितने कोर्स, डिग्री, डिप्लोमा आदि के लिए आज तक कितने करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति ली गई इसका कोई रिकॉर्ड जब्त नहीं किया? छात्रों द्वारा प्रस्तुत जाति और आय प्रमाण पत्रों की कोई जांच नहीं की गई? सरकारी अधिकारियों और बैंक अधिकारियों का इस सरकारी छात्रवृत्ति को गबन करवाने के अपराध में क्या भूमिका थी इसकी कोई जाँच नहीं की गई? किसी भी सरकारी अधिकारी और बैंक के अधिकारी को आरोपी नहीं बनाया गया? कॉलेज संचालकों की संपत्ति की जांच नहीं की गई? 

सरकारी पैसों के गबन के अपराध में ऍफ़ आई आर और न्यायालय में पेश चालान में IPC की धारा 409 क्यों नहीं लगाई?

छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपियों को दूसरे राज्यों में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं दी जा रही हैं, तो कैसे इंदौर सेशन न्यायालय से अग्रिम जमानत मंजूर हो गई! हिमाचल प्रदेश में प्री मेट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले के मुख्य आरोपी की जमानत दो बार हाईकोर्ट से और मार्च 2025 में सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी हैं जबकि वो पीछे 1 साल से जेल में है। 

राज्य और केंद्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के SC,ST और OBC छात्रों को कॉलेज की फीस भरने के लिए दी जाने वाली करोड़ों अरबों रुपये की छात्रवृत्ति को कूट रचित दस्तावेजों, फर्जी एडमिशन, फर्जी जाति प्रमाणपत्र, फर्जी आय प्रमाण पत्र, फर्जी तरीके से बैंकों में एकाउंट खुलवाकर करोड़ो रूपये की राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा दी जाने वाली सरकारी छात्रवृत्ति गबन करने वाले इंदौर के तथाकथित शिक्षा माफियाओं के कॉलेजों के संचालकों, प्रिंसिपल, सोसायटी के मालिकों, अध्यक्ष, सचिव आदि के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस इंदौर द्वारा IPC की धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सरकारी अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में दर्ज ऍफ़ आई आर ओर 10 साल बाद न्यायालय में पेश किए गए चालान के बाद सभी आरोपी कॉलेजों के संचालकों, प्रिंसिपल, सोसायटी के मालिकों, अध्यक्ष,सचिव को सेशन न्यायालय से जमानत दिलवा दी गई।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

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