@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

इंदौर शहर में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की जमीनों पर टाउनशिप विकसित कर रहे है सफेद पोश भू माफिया!

मौन धारण किए बैठा है इंदौर सहकारिता विभाग का डिप्टी कमिश्नर!

जहां एक तरफ इंदौर नगर निगम का कॉलोनी सेल उन सफेद पोश भू माफियाओं से जिन्होंने ग्रह निर्माण सहकारी संस्थाओं से जमीनें खरीद कर उसमें टाउनशिप विकसित कर रहे है, को विकास अनुमति देने से पहले उपायुक्त सहकारिता की NOC मांग रहा हैं!

वही दुसरी तरफ उपायुक्त सहकारिता से NOC लाने की जगह इंदौर हाईकोर्ट में पिटिशन दायर करने उपायुक्त सहकारिता से NOC लाने के इंदौर नगर निगम के आदेश को बता रहे हैं गैर कानूनी और अवैध! और रद्द करने की मांग!

कोढ़ में खाज यह है कि बिना कोई लिखित जवाब दिए इंदौर नगर निगम के वकील कर रहे है मौखिक बहस!और उपायुक्त सहकारिता इंदौर को बिना कोई नोटिस दिए हाईकोर्ट इंदौर की सिंगल बैंच दे रही हैं सफेद पोश भू माफियाओं के पक्ष में फैसला! और इंदौर नगर निगम के कॉलोनी सेल विभाग के अपर आयुक के उपायुक्त सहकारिता से NOC की मांग के नोटिस का कर रही हैं रद्द!

इंदौर हाईकोर्ट में जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने आवेदक अभिषेक मित्तल के द्वारा निरंजनपुर इंदौर स्थित किरण कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी से खरीदी गई जमीन और जस्टिस प्रणय वर्मा की सिंगल बैंच के द्वारा ग्राम मायाखेड़ी की भाग्यश्री सहकारी गृह निर्माण संस्था मर्यादित की जमीन शहर के एक प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कंपनी द्वारा खरीद कर टाउनशिप विकास की अनुमति इंदौर नगर निगम के कॉलोनी सेल द्वारा मांगे जाने पर, इंदौर नगर निगम के द्वारा अनुमति देने से पहले उपायुक्त सहकारिता इंदौर से NOC पत्र की मांग को निरस्त कर, सीधे विकास अनुमति देने का आदेश पारित मई 2025 और 15 अक्टूबर 2025 को कर दिए!

इंदौर शहर में गृह निर्माण सहकारी समिति की जमीन बिल्डर और भू माफियाओं को बेचना अवैध और अपराध माना जाता रहा हैं। सहकारिता अधिनियम के तहत इस तरह की खरीदी बिक्री दंडनीय अपराध हैं।क्योंकि कई ग्रह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पात्र सदस्य अपने हक के प्लॉट के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे है, तो दूसरी तरफ इन्हीं संस्थाओं की जमीन अवैध तरीके से भू माफियाओं को बेच दी गई। और आज दिनांक तक बेची जा रही हैं। पिछले 3 दशकों से यह गोरख, अवैध और अपराधिक धंधा बदस्तूर जारी हैं।

तीन साल पहले मध्यप्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने दावा किया था कि ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री रद्द करवाई जाएगी और संबंधित आरोपियों के खिलाफ ऍफ़ आई आर दर्ज होगी!?

अब क्या करेंगे उपायुक्त सहकारिता और इंदौर नगर निगम का कॉलोनी सेल? क्या इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई पिटीशन हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे या ग्रह निर्माण सहकारी संस्थाओं की जमीनों की खरीदी बिक्री को क्लीन चिट दे दी गई है?

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर

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