@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
कुख्यात गुंडे सलमान लाला को मौत के बाद मुस्लिम युवाओं में हीरो बनाने की साजिश? न सिर्फ युवाओं में ड्रग्स से भी ज्यादा खतरनाक हैं! वरन् शहर के लिए बारूद का ढेर है?
ये कैसा शहर है एक “डकैत” पार्षद बन जाता हैं? और एक गुंडा गैंगस्टर और मौत के बाद हीरो बनाया जाता हैं? और जिम्मेदार चुप रहते है? और शहर तमाशबीन?
33 ज्ञात गंभीर अपराध की एफ आई आर उसके नाम थी! उसके मां स्वयं अपने आप को गुंडे की मां कहती है! उसके सारे भाई और परिवार अपराधी हैं!
और मुम्बई की बॉलीवुड का एक मुस्लिम अभिनेता गुंडे सलमान लाला की मौत पर प्रश्न उठाता है!! और सब चुप है?
कौन जिम्मेदार है एक कुख्यात गुंडे को उसकी मौत के बाद हीरो बनाने की गहरी साजिश में? इंदौर का पुलिस विभाग या इंदौर की नेतानगरी जिसकी सरपरस्ती में कई गैंगस्टर और गुंडे हीरो जैसी जिंदगी जी रहे है? या कोई गहरी साजिश?
शहर के किसी भी विधायक, नेता और कद्दावर में इतनी हिम्मत और नैतिक साहस नहीं हैं कि वो कुख्यात गुंडे, ड्रग्स माफिया सलमान लाला की मौत के बाद उसे “हीरो” बनाने वालों को चेतावानी दे सके? ऐसा क्यों?
उसके जनाजे में उमड़ी भीड़?? कैसे और क्यों पुलिस ने भीड़ को इकट्ठा होने दिया? क्या पुलिस को पहले से कोई अंदाजा नहीं था? या पुलिस को सलमान लाला की लोक प्रियता के बारे मे कोई अंदाजा ही नहीं था?
कैसे और क्यों पुलिस ने हजारों की तादाद में एक गैंगस्टर के जनाजे में भीड़ को इकठ्ठा होने दिया?
और जिस तरह से सैकड़ों की तादाद में पुलिस वालों के साथ, उसके भाई को पुलिस ने किसी फिल्मी हीरो की तरह उसके जनाजे में उसे हीरो स्टाईल में लेकर आई? क्यों?
इन सब के जनाजे में मौजूद सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम समाज के भटके हुए युवकों ने वीडियो बनाए और अनगिनत वीडियो और रील बनाकर सोशल मिडिया में भावुक गानों के साथ वायरल कर दिए!
सोशल मीडिया पर वायरल सैकड़ों की तादाद में रीलों में उसे इस्लामिक धार्मिक युवा के तौर पर! मजारों, कव्वालियों, दरगाहों पर साफा बंधवाते हुए! नोट लुटाते हुए! और यारो का यार बताकर! मुस्लिम युवाओं में हीरो की तरह पेश किया जा रहा है!?
उसकी तड़क भड़क वाली लाइफ स्टाईल, महंगे जूते, जैकेट, केप कपड़े, घड़ी, कारे, युवाओं का लाव – लश्कर, हाथ में सिगरेट, ड्रग्स में डूबी आँखें , कार की सीट पर बैठने का स्टाइल, सिल्की हेयर स्टाइल, मां के साथ लाइफ स्टाईल में फोटो! किसी भी भटके हुए युवाओ को आकर्षित कर सकते है।
कौन जवाबदार हैं एक कुख्यात गुंडे की मौत के बाद हीरो बनाने के लिए? इंदौर का पुलिस प्रशासन या कोई गहरी साजिश? जिसकी भनक इंदौर शहर के पूरे पुलिस विभाग को नहीं थी? यदि नहीं थी तो यह पूरे सिस्टम, शहर की राजनीति और सरकार के लिए शर्मनाक हैं।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर