@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
इंदौर के प्रख्यात बिल्डर उत्तम झंवर पर हमले में भतीजे श्रेयस झंवर को मीडिया में बदनाम कर उन्हें बलि का बकरा बनाना एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है!

मुख्यमंत्री डॉ मोहन सिंह को बिल्डर उत्तम झंवर और श्रेयस झंवर के बीच चल रहे कातिलाने हमले की जांच के लिए SIT का गठन करना आवश्यक हैं।
यह कोई मामूली झगड़ा नहीं है, और न ही श्रेयस झंवर और उत्तर झंवर का व्यक्तिगत झगड़ा है। इस झगड़े की जड़ में करोड़ों अरबों रुपए की पुरखों से चली आ रही जमीन घोटाले से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग और राजस्व चोरी तक के आरोप और अपराध शामिल है।
इस झगड़े और तथाकथित कातिलाना हमले की जांच की तह तक पहुंचने के लिए मौर्या हिल्स की 133.30 एकड़ जमीन के इतिहास की जांच! कैसे, किस प्रकार से और किसने उपरोक्त 133.30 एकड़ जमीन को अवैध रूप से 200 से 300 लोगो को बेच दिया। करोड़ो रुपए में बेची इस जमीन का पैसा कहा गया और कहां निवेश हुआ।
इंदौर और मुंबई के प्रख्यात विवादास्पद बिल्डर उत्तम झंवर और भतीजे श्रेयस झंवर जो इंदौर के प्रतिष्ठित डेली कॉलेज और अमेरिका से शिक्षा प्राप्त है के बीच चल रहे कातिलाने झगड़े में भतीजे श्रेयस पिता मधुसूदन झंवर को खलनायक की तरह पेश करना एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। पोकर गैंग का सरगना बताकर श्रेयस झंवर को कुछ बड़े मीडिया हाउस किसी के कहने पर एक साजिश के तहत बदनाम करने पर तुले है! उस पोकर के खेल में शहर के कई संभ्रांत, नामचीन और बड़े घरों के लड़के लड़कियां भी शामिल हैं जिनके यहां नेताओं, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का आना जाना लगा रहता हैं। यदि बड़े मीडिया हाउस में हिम्मत है तो पूरी गैंग का खुलासा करे! सिर्फ यूं हीं किसी को सरगना बताकर बदनाम न करे तो बेहतर है। ड्रग्स की कहानी मनगढ़ंत है।
झगड़े की मुख्य वजह करोड़ों अरबों रूपये की जमीन के हिसाब को लेकर है। कुछ दिन पहले उत्तम झंवर के इंदौर स्थित ऑफिस में उत्तम झंवर के कहने पर उनके नौकरों और कर्मचारियों ने श्रेयस झंवर के साथ मारपीट की थी! उस समय भी मामला जमीनों के विवाद और हिसाब का था। उस मारपीट का वीडियो भी मौजूद है। और भतीजे श्रेयस झंवर द्वारा उसकी ऍफ़ आई आर भी तुकोगंज थाने में करवाई गई थी।
इंदौर में बंगाली चौराहे से कनाड़िया रोड पर 133.33 एकड़ स्थित विवादास्पद मौर्या हिल्स जिसका बाजार मूल्य तकरीबन 3000 करोड़ रूपए है। सन् 1996 में उपरोक्त जमीन पर बिना कोई डेवलपमेंट और वैधानिक अनुमति के तकरीबन 150 से ज्यादा लोगों को अवैध तरीके से 45 एकड़ में 10 – 10 हजार स्क्वायर फीट के प्लॉट काटकर करोड़ो रुपए रुपए एकत्रित कर उत्तम झंवर ने मुम्बई मे अपना ठिकाना बनाया।
मुम्बई से बैठकर उत्तम झंवर ने मौर्या हिल्स की उपरोक बेशकीमती जमीन को इंदौर के कई प्रख्यात और नामचीन व्यवसायियों, सरकारी अधिकारियों और नेताओं को बेच दी। सरकारी अधिकारियों और नेताओं को तो सिर्फ मुंह बंद करने और अवैधानिक कामों में साथ देने के लिए कई प्लॉट रिश्वत के रूप मे दिए गए।
मुम्बई में विवादास्पद बिल्डर उत्तम झंवर ने इन्हीं करोड़ो रुपए से जमीनें खरीदी और वहां पर रियल एस्टेट व्यवसाय खड़ा किया, वहां पर भी ऍफ़ आई आर से लेकर कई विवाद सामने आ चुके है।
आज भी शहर के सबसे बेशकीमती कनाड़िया रोड पर उपरोक्त मौर्या हिल्स की 133.30 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से प्लॉट बेचने, कॉलोनी काटने के नाम पर प्लॉट बेचने, अवैध रूप से निर्माण सब बिना किसी डेवलपमेंट के बदस्तूर जारी हैं। नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का एक एक अधिकारी को खरीद कर अपने जूते की नोक पर रखा हुआ है।
विवादास्पद बिल्डर उत्तम झंवर ने बेशकीमती मौर्या हिल्स की 133.30 एकड़ जमीन जो कभी खजराना जागीरदार होलकर स्टेट की श्रीमंत राजकन्या सावित्रीबाई बनसुड़े के मालिकाना हक की थी, उनकी मृत्यु दिनांक 13 नवंबर 1968 तक इंदौर राजस्व रिकॉर्ड में उनके नाम से दर्ज थी। और उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी, किसी को भी इस जमीन को बेचा नहीं था। यह गंभीर जांच का विषय है।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
