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इंदौर में जंगलराज हैं? और इस जंगलराज के राजा स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री है!

“जंगल राज” किसी राज्य या शहर की उस स्थिति को अभिव्यक करने के लिए उपयोग किया जाता हैं, जहाँ राज्य या शहर की प्रशासनिक मशीनरी विफल हो चुकी हो। कानून और सरकार का कोई राज न हो । राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त सरकारी, सामाजिक और आर्थिक अपराधी खुलेआम अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हो।
सभी लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्थाएं, उनके आका और मंडली हर तरफ सिर्फ शिकार की तलाश में हो। शिकार करना है और मिल बांट कर चबाना है, निगलना है और एक दूसरे की पीठ थपथपाना है।
“जंगल राज” राजनैतिक और प्रशासनिक विफलता के साथ निष्प्रभावी लोकतांत्रिक संवैधानिक संस्थाओं के राज के लिए उपयोग किए जाने वाला शब्द है।
इंदौर शहर का BRTS! मेट्रो रेल प्रोजेक्ट! पूर्वी क्षेत्र का बायपास! RE 2 रोड! चारों तरफ ट्रैफिक जाम से अस्त व्यस्त और बेहाल शहर!
सरकारी और सामाजिक अपराध के अपराधिक तत्वों, घटकों और अपराधियों को भरपूर और पूरे दिल से राजनैतिक सरंक्षण!
शराब और आहता माफिया, शिक्षा और भू माफिया की गिरफ्त मे पूरा शहर!
भ्रष्ट, रिश्वतखोर, निकम्मा, बेशर्म अपराधिक सरकारी और प्रशासनिक सिस्टम के सामने बेबस कानून और सजा के रूप में फांसी के फंदे में दम तोड़ता शहर!
उपरोक्त सभी लक्षण और व्यवस्थाएं जंगलराज के संविधान और कानून से उत्पन्न होती है और जन्म लेती है।
आप पूरे शहर, इसकी व्यवस्थाओं, राजनैतिक आकाओं, चुने गए जनप्रतिनिधियों के साथ नागरिक सुविधाओं के पूरे सिस्टम को गौर से देखे तो हो सकता हैं आप यह महसूस करे कि शहर में ट्रिपल इंजिन सरकार का जंगल राज हैं? और यदि नहीं तो भारत का सबसे स्वच्छ और साफ शहर तो है फिर राज क्यों न जंगलराज ही हो क्या फर्क पड़ता हैं।
जंगल राज शब्द पहली बार 1997 में पटना उच्च न्यायालय द्वारा शहर में जलजमाव और खराब नागरिक स्थितियों पर टिप्पणी करते हुए एक मौखिक अवलोकन में इस्तेमाल किया गया था।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज़ इंदौर
