@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर
कैसे एक शातिर साजिश कर्ता और ब्लैकमेलर ने भ्रष्ट सिस्टम का इस्तेमाल कर इंदौर स्थित 500 करोड़ रुपए की संपत्ति वाले एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को हड़पने की नाकाम साजिश को अंजाम दिया!

इस शातिर और ब्लैकमेलर शख़्स का नाम है अनिल पिता शांतिलाल संघवी निवासी स्कीम नंबर 74 सी, विजय नगर इंदौर है!
इस शख्स पर मात्र 2 से 5 लाख रुपए, कई संभ्रांत परिवारों और महिलाओं से उधार लेकर उन्हें वापस न करने के आरोप के कई केस न्यायालय में चल रहे हैं! अधिकांश मुकदमों मे न्यायालय ने इसके खिलाफ फैसला दिया है। और मय ब्याज और जुर्माने के पैसे वापस करने के आदेश दिए है! तकरीबन 35 मुकदमे इसके खिलाफ इंदौर के विभिन्न न्यायालयों मे चल रहे हैं, जिनमें से कई मुकदमों में इसके खिलाफ आदेश पारित हुए है!
ऐसा शख़्स इंदौर के पूर्वी क्षेत्र में ग्राम कनाडिया मेन रोड पर तकरीबन 23 एकड़ जमीन पर पूर्व में स्थित मॉडर्न इंस्टिट्यूट मेडिकल कॉलेज और सेवाकुंज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को संचालित करने वाले सोसायटी श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी में अपराधिक षड्यंत्र की मानसिकता के साथ एक सोची समझी साजिश के तहत 26 दिसंबर 2015 को सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ रमेश बदलानी को झांसे में लेकर 1000 रुपए के स्टाम्प पेपर पर एक अनुबंध निष्पादित करता हैं।
सोची समझी साजिश इसलिए क्योंकि उस समय सोसायटी की वित्तीय हालात बेहद नाजुक स्थिति में थी! और काफी देनदारियां थी। लेकिन सोसायटी के पास करोड़ों रुपए की बेशकीमती तकरीबन 23 एकड़ जमीन, अस्पताल, बिल्डिंग और अन्य स्थाई और अस्थाई संपत्ति थी। बस उसी संपत्ति को हथियाने के लिए पूरी साजिश को अंजाम दिया गया।
इस अनुबंध के तहत श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी की कुल संपत्ति को उस समय 130 करोड़ रुपए मानकर शातिर अनिल संघवी ने 50 फीसदी भागीदारी तय कर 65 करोड़ रुपए किश्तों के माध्यम से 6 से 7 महीनों में जमा करने की सहमति के साथ करार किया था जबकि अनुबंध के मुताबिक शातिर अनिल संघवी ने नाम मात्र की राशि जमा की थी।
सोसायटी की विशेष साधारण सभा की बैठक उपरोक्त अनुबंध के तकरीबन 1 महीने बाद दिनांक 30/1/2016 को नियत थी।
इस विशेष साधारण सभा में सोसायटी के 7 मुख्य सदस्य उपस्थित थे। जिन्होंने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर डॉ रमेश बदलानी को कार्यकारी अध्यक्ष, अनिल संघवी को कार्यकारी सचिव ओर मनीष खटवानी को कार्यकारी कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया। क्योंकि सोसायटी का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था इस कारण सोसायटी को चलाने के बाद उपरोक्त नियुक्ति अनिवार्य थी।
शातिर अनिल संघवी द्वारा इसी दिन यानि 30/1/2016 को उपरोक्त साधारण सभा को ही आधार बनाकर फर्जी और कूट रचित तरीके से फर्जी हस्ताक्षर कर 14 अन्य सदस्यों को जिसमें 7 अनिल संघवी के परिवार के ही थे को कार्यकारी सदस्य मनोनीत किया और बचे 7 सदस्यों में डॉ तृप्ति मूणत, डॉ वी के मालू, डॉ राहुल मालू, हेमलता मालू, पुष्पा चेलावत, राजेश जैन और अशोक सोनी को कार्यकारी सदस्य मनोनीत कर सोसायटी के बाय लार्ज अनुसार कुल 21 गवर्निंग बॉडी सदस्य बनाकर सोसाइटी पर कब्जा कर लिया! और तत्कालीन अध्यक्ष डॉ रमेश बदलानी और कई सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर 21 सदस्यों की 30/1/2016 कूटरचित और फर्जी सूची अधिनियम की धारा 27 के तहत रजिस्ट्रार एंड फर्म्स एंड सोसायटी ऑफिस इंदौर में जमा कर दी!
जब इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी तत्कालीन सोसायटी अध्यक्ष डॉ रमेश बदलानी को पता चली तो उन्होंने 10/5/2016 को पुलिस और रजिस्ट्रार, फर्म्स एंड सोसायटी ऑफिस इंदौर में शिकायत की और दिनांक 1/12/2016 को थाना रावजी बाजार इंदौर ने शातिर अनिल संघवी और उनकी पत्नी चंदन संघवी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 34 के तहत एफ आई आर दर्ज कर ली।
शातिर अनिल संघवी को सोसाइटी की दिनांक 7/5/2016 की साधारण सभा की बैठक में लिए गए निर्णय से निष्कासित कर दिया गया।
दूसरी तरफ तत्कालीन अध्यक्ष डॉ रमेश बदलानी सोसायटी की नाजुक और गम्भीर वित्तीय हालातों से पहले ही मुकाबला कर रहे थे! वहीं दुसरी बार अनिल संघवी ने शातिर चालों और षड्यंत्र कर डॉ रमेश बदलानी के खिलाफ एफ आई आई करवाकर उन्हें जेल तक भिजवा दिया! पुलिस से साठ गांठ कर ख़ुद के खिलाफ हुईं एफ आई आई का 2 साल बाद 2018 मे पुलिस से खात्मा पेश करवा दिया!
फिर शातिर अनिल संघवी ने अपने संबंधों और हो सकता है पर्दे के पीछे किसी तथाकथित बड़े लोगों का हाथ हो के साथ मिल कर कोर्ट – कोर्ट खेलना शुरू किया! क्यूंकि तकरीबन 500 करोड़ रुपए का सीधा सीधा सम्पत्ति का ही खेल दिख रहा हैं! अस्पताल और मेडिकल कॉलेज भाड़ में जाए!
वैसे भी आजकाल बाजार में चर्चा जोरो पर है कि बड़े लोग, अरबों खरबों के बड़े मामलों में सीधे बड़ी अदालतों के माननीय जजों से सीधे बात करते हैं!? कह नहीं सकते हैं लेकिन बड़ी अदालत के एक जज ने 8 साल बाद शातिर अनिल संघवी की पीटीशन पर 30/1/2016 की तथाकथित फर्जी 21 सदस्यों की सूची के आधार पर चुनाव कराने की दो बार मंजूरी दे दी?
वो तो भला हो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाइकोर्ट की दूसरी बेच का जिसने 2021 के नए बने 21 सदस्यों के आधार पर सोसायटी के चुनाव कराकर नई गवर्निंग बॉडी को श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी की कमान सौंप दी।
200 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देकर LNCT ग्रुप ने वित्तीय रूप से ढह चुके मेडिकल कॉलेज को और उसकी बेशकीमती संपत्ति को हड़पने वाले शातिर लोगों से बचाया।
आज LNCT उच्च शिक्षा एजुकेशन ग्रुप के चेयरमेन श्री जयनारायण चौकसे के मार्गदर्शन में श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी के तहत कनाडिया स्थित एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी और एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज का संचालन सुचारू रूप से चल रहा हैं।
लेकिन अभी भी कोई भ्रष्ट सिस्टम का बड़ा किरदार इस शातिर अनिल संघवी की आड़ में अपनी नापाक साजिशे चल रहा हैं!?
क्रमश: ……… आगे अगली खबर मे।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर