@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज़ इंदौर (Rediscvoerindianews.com)
भारत में खासकर जहां विश्वास है, वहीं विश्वासघात भी है!* विश्वास के आधार को अवश्य जांचे!
निश्चित ही सोना (Gold) समृद्धि-ऐश्वर्य का प्रतीक है, लेकिन भारत में सोना धर्म और संस्कारों का हिस्सा है। दुनिया में भारत ही ऐसा देश है, जहां सोने (Gold) की खरीदी किसी अर्थशास्त्र का हिस्सा नहीं है। सोने का जुड़ाव इस देश की संस्कृति से है। भारतीयों के लिए सोना (Gold) लक्ष्मी का प्रतीक और आर्थिक संपन्नता के अलावा आर्थिक सुरक्षा की गारंटी माना जाता है। हमारे देश में गरीब से गरीब परिवार हो या अमीर से अमीर, सोना (Gold) खरीदने की सोच सभी वर्गों की समान है। इसमें कोई फर्क नहीं है।
पुष्य नक्षत्र ,अक्षय तृतीया और धनतेरस जैसे तीज-त्योहार तो सीधे सोना (Gold) खरीदने के धार्मिक अनुष्ठान, रीति-रिवाज से जुड़े हैं। बात सिर्फ हिन्दुओं की ही नहीं है, हर धर्म व संप्रदाय के लोग सोने के मोहपाश में बंधे हैं। हमारे यहां शादी-विवाह के गहने देने का रिवाज पारिवारिक संस्कारों व परम्पराओं में सदियों से है। प्रत्येक व्यक्ति चाहे आम हो या खास, सभी लोग सोना खरीदने को उत्सुक रहते हैं। लेकिन आम आदमी के साथ दिक्कत यह है कि उन्हें सोने (Gold) की शुद्धता के बारे में जानकारी नहीं होती । उन्हें अपने ज्वेलर, दुकानदार या शोरूम के विश्वास पर निर्भर रहना पड़ता है।
60 प्रतिशत से ज्यादा लोग विश्वास के इस धंधे में ठगे गए हैं!
सन् 2000 से पहले जिन लोगों व परिवारों ने सोना (Gold) खरीदा है, वह मात्र विश्वास पर, क्योंकि उस समय सोने (Gold) की शुद्धता को जांचने व परखने के लिए कोई सरकारी नियामक एजेंसी व मापदंड नहीं थे, यह पूर्ण रूप से ग्राहक व सुनार के साथ पारस्परिक विश्वास पर आधारित धंधा था। पुश्तैनी ज्वेलर्स या सुनार से ही अधिकांश परिवार सोना (Gold) खरीदते थे, आभूषण बनवाते थे। पुराने आभूषण बेचकर नए आभूषण बनवाने का चलन सदियों से इस देश में सिर्फ व सिर्फ विश्वास पर आधारित है। शहर के एक नामी ज्वेलर्स के अनुसार तकरीबन 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग विश्वास के इस धंधे में ठगे गए हैं! और इसका सबसे बड़ा कारण है कि उन्हें सोने (Gold) की शुद्धता के बारे में कोई खास तकनीकी जानकारी नहीं है। भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में रहती है, जहां शैक्षणिक साक्षरता भी नहीं है, तो आप सोच सकते हैं कि सोना (Gold) परखने की साक्षरता कैसे होगी?
भारतीय बाजार में सोने (Gold) का दाम 52000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहा है। महंगाई के इस दौर में अगर दुकानदार आपके साथ छल करें, तो क्या आप बर्दाश्त कर पाएंगे?
हद तो तब हो रही है, जब सरकार की नियामक एजेंसी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा सोने (Gold) की शुद्धता के लिए स्वर्ण आभूषण पर लगाए जाने वाले ‘हॉलमार्क (Hall mark) के केंद्रों में ही भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमाए बैठा है। पैसे लेकर गलत हॉलमार्क (Hall mark) लगाए जा रहे हैं।
कुछ सेंटर बिना जांचे हॉलमार्किंग (Hall mark) कर रहे हैं।
सोने पर लगा हॉलमार्क (Hall mark) सिर्फ शुद्धता की गारंटी नहीं, भरोसे का भी प्रतीक है, लेकिन हॉलमार्किंग (Hall mark) सेंटर्स इस भरोसे को तोड़ रहे हैं। कुछ दुकानदार 18 कैरेट सोने से बनी ज्वेलरी पर भी 22 कैरेट तक का हॉलमार्क (Hall mark) लगा या लगवा रहे हैं। इसका सीधा-सीधा नुकसान उपभोक्ताओं का ही है। शुद्धता की जवाबदेही हॉलमार्क (Hall mark) सेंटर की होना चाहिए क्योकि गड़बडिय़ां वहीं हो रही हैं।
जितने कैरेट का सोना (Gold) ले उसमे सोने की जितनी शुद्धता है उतने ही ग्राम का भुगतान करे .
भारतीय बाजार में सोने (Gold) का दाम 52000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहा है। असली सोने (Gold) की पहचान करना आसान नहीं होता, खासतौर से आम आदमी के लिए। आज हम आपको बताएंगे कि सोना (Gold) खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें। आपका सोना (Gold) कितना शुद्ध है। सोना (Gold) खरीदते वक्त उसकी क्वॉलिटी पर जरूर गौर करें।
24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध माना जाता है, लेकिन इससे ज्वेलरी नहीं बनती। ज्वेलरी 22 कैरेट, 20 कैरेट या 18 कैरेट सोने (Gold) से बनती है। इसलिए जब आप ज्वेलरी के लिए सोना (Gold) खरीदें, तो तय कर लें कि आप कितने कैरेट का सोना (Gold) खरीद रहे हैं और उसी का पैसा भी दें। होता यह है कि असंगठित सराफा दुकानों पर आप खरीदते हैं 22 कैरेट का सोना (Gold) और पैसा देते हैं 24 कैरेट सोने (Gold) का। इसका कारण है कि आप अखबारों में या टीवी पर सोने (Gold) का रेट देखकर आते हैं, वह 24 कैरेट सोने (Gold) का होता है, दुकानदार उसी हिसाब से पैसा लेता है।
अब यदि आपको ज्वेलर यह बताता है कि आपका आभूषण 22 कैरेट सोने (Gold) का है, तो इसका मतलब आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने (Gold) की शुद्धता 91.66 फीसदी है।
*सोने (Gold) की ज्वेलरी में सोने (Gold) की शुद्धता की सरकारी गारंटी “हॉलमार्क (Hall mark)” क्या है?*
सोने के लिए बीआईएस हॉलमार्क (BIS Hall mark)को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुद्धता का पैमाना माना जाता है, जिसमें यह गारंटी होती है कि सोना कितना शुद्ध है। कई बार हॉलमार्क (Hall mark) के गहनों की कीमत भी अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग हो सकती है। इसलिए कई जगहों पर जानकारी लेकर उपयुक्त जगह से ही हॉलमार्क सोना (Hall mark gold) खरीदें। कई दुकानदार दुसरे दुकानदार की भी हॉलमार्क (Hall mark) लगी ज्वेलरी बेचते है !दुसरे दुकानदार की हॉलमार्क (Hall mark) लगी ज्वेलरी का बिल जरूर देखे !
हॉलमार्क (Hall mark) लाइसेंस लेने वाले कुछ ज्वेलर्स ही सही मायने में हालमार्किंग (Hall mark) गहनों की बिक्री कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर बाजार में 95 प्रतिशत से ज्यादा ज्वेलर्स के पास हॉलमार्क (Hall mark) का लाइसेंस नहीं है, न ही लेने के लिए इच्छुक हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह उनके पास सोने (Gold) की शुद्धता के निर्धारित मानक के अनुरूप शुद्धता के गहने उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए हॉलमार्क (Hall mark) के नियमों का पालन नहीं करते हैं। इससे ग्राहकों को दोहरा नुकसान होता है। एक तो उन्हें गहनों में सोने (Gold) की पूरी शुद्धता नहीं मिलती, वहीं कीमत भी बिना हॉलमार्क (Hall mark) गहनों के मुकाबले ज्यादा चुकाना पड़ती है।
*पांच निशान होते हैं हॉलमार्क (Hall mark) में*
*पहला बीआईएस BIS स्टैंडर्ड मार्क का लोगो।
*दूसरा शुद्ध सोने Gold का मार्क। यह सोने के कैरेट को बताता है |मार्क में 916 अंकित है, तो इसका मतलब है कि कुल धातु में शुद्ध सोने की मात्रा 91.6 प्रतिशत है। 18 कैरेट गोल्ड के लिए 750, 14 कैरेट गोल्ड के लिए 585 और 10 कैरेट गोल्ड के लिए 417 मार्क अंकित होगा .
*तीसरा हॉलमार्किग (Hall mark) सेंटर का लोगो
*चौथा जिस साल आभूषण का निर्माण हुआ उसका कोड।
*पांचवा ज्वेलर की दुकान का नाम।
बीआईएस BIS कानून के मुताबिक किसी भी शिकायत की जिम्मेदारी हॉलमार्क (Hall mark) सेंटर की नहीं होगी। जिम्मेदारी ज्वेलर की होगी और उसी के खिलाफ मामला दर्ज होगा। शिकायत सही पाए जाने पर पांच लाख रुपए तक जुर्माना बेचने वाले पर लगेगा।
हॉलमार्क (Hall mark) एक बहुत छोटा सा निशान होता है। इसलिए इसकी सही जांच के लिए आप एक मैग्नीफाई ग्लास की मांग कर सकते हैं। यदि आप अभी भी सोने Gold की शुद्धता को लेकर संदिग्ध हैं, तो आप ज्वेलर्स से इसकी जांच कराने को कह सकते हैं। आप एक अधिकृत जांच केंद्र या हॉलमार्किंग (Hall mark) केंद्र पर जाकर सोने Gold की जांच करवा सकते हैं। शुध्दता की जांच के लिए कुछ केमिकल और एसिड होते हैं, जिनके इस्तेमाल से सोने Gold की गुणवता परखी जा सकती हैं। तेजाब का शुद्ध सोने Gold पर कोई असर नहीं होता, लेकिन अशुद्ध सोने Gold के संपर्क में आने पर तेजाब का असर दिखता है व रंग में परिवर्तन दिखता है।
*भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नियमो के अनुसार –किसी भी ज्वेलरी शोरूम या दुकानदार को हॉलमार्क (Hall mark) लाइसेंस को अपने शोरूम पर डिस्प्ले में दिखाना अनिवार्य है*. *और हॉलमार्क (Hall mark) लाइसेंस पर उल्लेखित पता और दुकान या शोरूम का पता एक होना आवश्यक है*.
बिल पर हॉलमार्क (Hall mark) के चार्जेस अलग से दिखाना अनिवार्य है जो की अमूमन 35 रूपये प्रति आभूषण या कुछ ज्यादा हो सकता है .
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज़ इंदौर (Rediscvoerindianews.com)
One thought on “सावधान!!! सोने की शुद्धता की ग्यारेन्टी बताने वाला हॉलमार्क नकली भी हो सकता है!?”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *